6th Gen Fighter Aircraft: हवा मे उड़ते नजर आए चीन के 6वीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान

China’s 6th gen fighter aircraft: चीन ने हाल ही में अपने भविष्य के स्टील्थ स्ट्राइक फाइटर के दो प्रोटोटाइप्स को सूरज की रोशनी में उड़ते हुए दिखाया, जिससे उसकी वायुशक्ति का दबदबा साफ़ झलकता है। ये विमान न सिर्फ चीन के तकनीकी कौशल को बल्कि उसकी ताकत बढ़ाने की आक्रामक रणनीति को भी उजागर करते हैं। अमेरिकी रक्षा प्रणाली को चुनौती देने वाले इन विमानों को देखकर यही लग रहा है कि चीन अब अमेरिका से अपनी वायु शक्ति की बराबरी करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।

इन प्रोटोटाइप्स में से एक विमान, जिसे चेंगदू एयरोस्पेस (chengdu aerospace) द्वारा बनाया गया है, ऐसा लगता है कि यह अमेरिकी F-117 नाइटहॉक स्टील्थ फाइटर से मिलता जुलता है, लेकिन इसमें कुछ खास बदलाव किए गए हैं। इसमें न तो कोई पूंछ है और न ही ऊर्ध्वाधर स्टेबलाइजर्स हैं। साथ ही, यह विमान तीन इंजन से लैस है। हाल ही में आई एक वीडियो में इसे जेड-20 माइटी ड्रैगन स्टील्थ फाइटर के साथ उड़ते हुए देखा गया है, जो एक बड़े रणनीतिक बदलाव का संकेत देता है।

इसी तरह शेनयांग एयरोस्पेस का एक और स्टील्थ प्रोटोटाइप सामने आया है, जिसने यह सवाल उठाया है कि क्या ये विमान अमेरिकी विमानों की नई पीढ़ी के प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं? क्या ये भविष्य के युद्ध की दिशा बदलने की तैयारी कर रहे हैं?

यहां पर विमानों की डिज़ाइन और उपयोगिता को लेकर विमान विशेषज्ञों के बीच बहस शुरू हो गई है। कुछ का मानना है कि ये विमान छठी पीढ़ी के एयर सुपीरियोरिटी फाइटर (6th gen fighter aircraft) हो सकते हैं, जो हवा में एक नई supremacy की शुरुआत करेंगे। जबकि कुछ विशेषज्ञ इसे भविष्य के स्ट्राइक एयरक्राफ्ट के रूप में देख रहे हैं, जो दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देते हुए अपनी ताकत से वार करेंगे।

एयरपावर एक्सपर्ट जस्टिन ब्रोंक के अनुसार कि चीन का ये कदम साफ़ करता है कि वे अपनी 5वीं पीढ़ी के क्षेत्रीय बमबारी और स्ट्राइक फाइटर्स पर काम कर रहे हैं। यही नहीं, चीन अपनी सैन्य क्षमता में और इजाफा करने के लिए नए स्टील्थ बॉम्बर्स भी विकसित कर रहा है, जो सीधे तौर पर वैश्विक लक्ष्यों पर हमला कर सकेंगे।

इन प्रोटोटाइप्स के फ्लाइंग विंग डिज़ाइन में रडार सिग्नल को कम करने की खासियत है, जिससे ये युद्ध में अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं। इस डिज़ाइन की स्टेबलिटी के लिए फ्लाई-बाय-वायर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे विमान अपने ट्रैक पर बरकरार रहते हुए दुश्मन के राडार से बच सकते हैं। अमेरिका ने अपने बी-2 स्पिरिट और बी-21 रेइडर जैसे विमान इसी वजह से अपनाए हैं।

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कुल मिलाकर, इन स्टील्थ विमान prototypes को देखकर यह साफ़ है कि चीन भविष्य में हवाई युद्ध की पूरी दिशा बदलने की योजना बना रहा है, और इसकी टकटकी इस पर है कि इन विमानों से वह अमेरिका की वायु सुरक्षा प्रणाली को पार करने की क्षमता हासिल कर पाएगा।

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