अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का आयोजन

आज अयोध्या में उत्सव का माहौल बन चुका है। 11 जनवरी से 13 जनवरी तक, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय महोत्सव मनाया जा रहा है। यह आयोजन हिंदू पंचांग के आधार पर किया जा रहा है।

क्यों मनाई जा रही है वर्षगांठ 11 जनवरी को?

रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन उदय तिथि में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला विराजमान हुए थे। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए यह वर्षगांठ उसी दिन मनाई जा रही है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जैसे अन्य हिंदू त्योहार जैसे राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, विवाह पंचमी पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, वैसे ही यह “प्रतिष्ठा द्वादशी” का उत्सव भी पंचांग के अनुसार मनाया जाएगा।

ayodhya ram temple first anniversary

11 जनवरी: विशेष मुहूर्त का दिन

अभिजीत मुहूर्त: 12:13 PM से 12:56 PM तक
अमृत काल: सुबह 9:26 AM से 11:00 AM तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:30 AM से 6:30 AM तक

इस दिन मंदिर परिसर और अयोध्या शहर को 50 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। साथ ही, रामलला का दर्शन घर-घर में कराने के लिए दूरदर्शन पर पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।

महत्वपूर्ण कार्यक्रम और मुख्य अतिथि

रामलला के प्रतिष्ठा उत्सव के लिए करीब 2,000 विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को दोपहर 2 बजे अंगद टीला पर जनसभा को संबोधित करेंगे।
दोनों उपमुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की पूरी जानकारी:

11 जनवरी

प्रातः यज्ञ मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार और हवन
दोपहर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रामलला का महाभिषेक
सांयकाल: बधाई गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

12 जनवरी

श्रीराम कथा और प्रवचन सत्र
सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमें रामलीला और प्रसिद्ध गायिका स्वाति मिश्रा का गायन

13 जनवरी

समापन समारोह और महाआरती
उत्सव की भव्यता और श्रद्धालुओं का उत्साह

यह रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ करोड़ों भक्तों के लिए भक्ति और उल्लास से भरपूर है। ऐसे आयोजनों से अयोध्या की दिव्यता और श्रीराम मंदिर की महत्ता वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित हो रही है। श्रद्धालु दूरदर्शन के लाइव प्रसारण के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं।

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मकर संक्रांति के पूर्व यह उत्सव धार्मिक भावनाओं और श्रद्धा को नया आयाम दे रहा है।

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