स्वामित्व योजना: केंद्र सरकार ने लोगों को आर्थिक मदद के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसके तहत अब जमीन मालिकों को स्वामित्व कार्ड दिए जा रहे हैं। इस कार्ड की मदद से अब बैंक लोन (Bank Loan) प्राप्त करना और भी आसान हो जाएगा। यह एक डिजिटल कार्ड (Loan Card) है, जिसमें जमीन से जुड़ी सारी जानकारी स्टोर रहती है। पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि स्वामित्व योजना के तहत 1.37 लाख करोड़ रुपये की ग्रामीण आवासीय संपत्तियों को अब कर्ज के लिए मोनेटाइज किया जा सकता है।
स्वामित्व योजना: ज्यादातर गाँवों में सर्वे का काम लगभग पूरा
स्वामित्व योजना के तहत 3,44,000 गांवों का सर्वे करने का लक्ष्य था, जिनमे से अब तक 3,17,000 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है। यह योजना 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। अब तक 1,70,000 गांवों के लोगों को उनका स्वामित्व कार्ड दिया जा चुका है। 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी 50 लाख और संपत्ति कार्ड पात्र लोगों को सौंपने वाले हैं।
बैंक लोन में मिलेगी मदद
ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार ऐसा होता है कि लोगों के पास संपत्तियां होती हैं, लेकिन उनके पास इन संपत्तियों के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं होते, जिसकी वजह से उन्हें बैंक लोन लेने में मुश्किल होती है। अब इस योजना के तहत उन लोगों को स्वामित्व कार्ड दिया जाएगा, जिससे उनके लिए बैंक लोन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक यह सर्वे सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र और कृषि भूमि का सर्वेक्षण इस योजना में शामिल नहीं है, क्योंकि इन क्षेत्रों में पहले से ही संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज मौजूद हैं।
लक्ष्य 2026 तक हो जायेगा पूरा
पंचायती राज मंत्रालय ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2026 तक पूरे देश का सर्वे पूरा करना है। इस पहल से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच बढ़ेगी, बल्कि लोगों को अपने संपत्ति के मालिकाना हक का भी प्रमाण मिलेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से और भी सशक्त हो सकेंगे।
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