दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना: भोजपुर के 38 गांवों से होकर गुजरेगा रूट

दिल्ली से हावड़ा वाया वाराणसी, भोजपुर और पटना बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना के अंतर्गत सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य अब जमीनी स्तर पर शुरू हो गया है। हवाई सर्वेक्षण के बाद कार्य एजेंसियां गांवों में जाकर स्थानीय लोगों से संवाद कर रही हैं, उन्हें परियोजना की जानकारी दे रही हैं और उनकी सहमति प्राप्त कर रही हैं। बकरी और जलपुरा जैसे गांवों में यह गतिविधियां जोर-शोर से चल रही हैं।

स्टेशन निर्माण और परियोजना के चरण

इस परियोजना के पहले चरण में बक्सर, पटना, और गया में स्टेशन बनाए जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में उदवंतनगर और जहानाबाद में स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। यह परियोजना न केवल यातायात को सुलभ बनाएगी, बल्कि बिहार में कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

बुलेट ट्रेन रूट का विस्तार और प्रगति

एनएचएसआरसीएल द्वारा बिहार के लिए जारी बुलेट ट्रेन रूट में संशोधन किया गया है। यह रूट 800 किलोमीटर लंबा है, जिसमें एलिवेटेड, अंडरग्राउंड और ग्राउंड ट्रैक शामिल होंगे। बक्सर से आरा के बीच 10-15 मीटर ऊंचाई पर एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। जापानी तकनीक पर आधारित यह ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करेगी।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया

2025 के अंत तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। जिनकी जमीन अधिग्रहण में आएगी, उन्हें समय पर मुआवजा दिलाने के लिए उन्हें कागजात तैयार रखने की सलाह दी गई है। मकानों, बोरिंग और पेड़ों के लिए अलग से मुआवजा प्रावधान रखा गया है।

उदवंतनगर बुलेट ट्रेन का प्रमुख स्टेशन

वाराणसी-कोलकाता हाई स्पीड रेल नेटवर्क के अंतर्गत बक्सर और पटना के बीच उदवंतनगर पहला स्टेशन होगा। यह स्टेशन क्षेत्रीय व्यापार और यात्री परिवहन में अहम योगदान देगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

समय की बचत और व्यापार में वृद्धि

बुलेट ट्रेन के चलते यात्रा का समय घटकर आधा रह जाएगा, जिससे यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी। तेज गति और विश्वसनीयता के साथ यह परियोजना व्यापारिक गतिविधियों को भी गति देगी।

भोजपुर जिले के लिए विकास का सुनहरा मौका

भोजपुर जिले के 38 गांवों, जिनमें महुरही, उत्तरदाहा, हेतमपुर और उदवंतनगर प्रमुख हैं, से गुजरने वाली इस ट्रेन से विकास की नई राहें खुलेंगी। रोजगार, व्यापार और संपर्क के बढ़ते अवसर इन गांवों के लोगों के जीवन में सुधार लाएंगे और क्षेत्र की प्रगति सुनिश्चित करेंगे।

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