Delhi AQI: DSSA ने दिए ये जवाब, कैसे कम होगा दिल्ली में प्रदूषण

Delhi AQI: आपको बता दें, की 18 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 494 तक पहुंचने के बाद, शहर में अचानक बढ़ते प्रदूषण के कारणों पर सवाल उठने लगे।

Delhi AQI: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की यह शहर में दूसरा सबसे खराब दिन था। इसके बाद प्रदूषण के सटीक स्रोतों का पता लगाना मुश्किल हो गया क्योंकि मुख्य अध्ययनों में रियल टाइम डाटा, या पुराना हो गया हैं। जिससे जहरीली हवा से लड़ाई समाप्त हो गई हैं। समय में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए पिछले चार वर्षों में कम से कम तीन महत्वपूर्ण अध्ययन या तो बंद हो गए हैं या पुराने हो गए हैं।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DCPC) के पास अध्ययन के लिए आवश्यक उपकरणों को चलाने के लिए पर्याप्त संस्थान नहीं हैं। (Delhi AQI) वह इसे खोजने में असफल हैं। इसका अर्थ हैं कि दिल्ली में सिर्फ एक मॉडल बचा हैं केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का डीसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस). यह केवल तीन साल पुरानी एमिशन सूची पर निर्भर करता हैं और केवल प्रदूषण स्रोतों के योगदान का ‘अनुमान’ लगा सकता हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार सटीक घटकों को जानना अनिवार्य हैं। जवाबदेही केवल प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के बाद निर्धारित की जा सकती हैं।

DSSA ने कहा (Delhi AQI)

दिल्ली के परिवहन क्षेत्र से 16.97% और सोनीपत से 5.32% प्रदूषण हुआ। सर्दियों में पराली जलाने से हुआ प्रदूषण 19.82% था। लेकिन ये सभी आंकड़े दो दिन बाद जारी किए गए, जो एक समस्या हैं। थिंक टैंक एनवायरोकैटालिस्ट्स के प्रमुख विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा कि सटीक आंकड़ों और पारदर्शिता की कमी से राज्यों के बीच बहस चलेगी।

बीमा प्रीमियम से लेकर कई अन्य चीजों में गिरावट की आशंका, जानें पूरी डिटेल

Leave a Comment