Devar Bhabhi Affair: पति की गैर मौजूदगी मे भाभी आई देवर के करीब, कैसे संभाले रिश्ते, जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट

Devar Bhabhi Affair Story: रीमा का विवाह एक बड़े संयुक्त परिवार में हुआ था। घर के सभी लोग बहुत मिलनसार और आपस में गहराई से जुड़े हुए थे। रीमा की हंसी और समझदारी ने उसे पूरे परिवार का चहेता बना दिया। विशेष रूप से उसके देवर, अर्जुन, जो अपनी ज़िंदादिली और मददगार स्वभाव के कारण हमेशा रीमा के करीब रहते थे।

शुरू में रीमा और अर्जुन का रिश्ता सामान्य देवर-भाभी की तरह ही था। दोनों हंसी-मजाक करते, कभी-कभी घर के कामों में साथ समय बिताते। अर्जुन की हर छोटी-बड़ी ज़रूरत में रीमा का ध्यान देना अर्जुन को बहुत भाता था। धीरे-धीरे, दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ने लगा।

रीमा, जो अपने पति के व्यस्त जीवन के कारण अकेलापन महसूस करती थी, अर्जुन के साथ बात करके एक अजीब-सी राहत महसूस करती। अर्जुन को भी लगने लगा कि उसकी भाभी उसे दूसरों से अलग समझती हैं।

एक दिन, किसी पारिवारिक समारोह के बाद दोनों ने ज्यादा समय साथ बिताया। बातचीत का विषय व्यक्तिगत हो गया, और दोनों ने अपनी-अपनी भावनाएं साझा कीं। इसी दौरान उनके बीच एक अनकही सीमा पार हो गई। यह पल उनकी जिंदगी का मोड़ (devar bhabhi affair) बन गया।

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इसके बाद रीमा और अर्जुन दोनो एक दुसरे के करीब आ गए। फिर एक दिन दोनो ने देवर भाभी के रिश्ते को तोड़ आपस में संबंध बना लिए. दोनों जानते थे कि उनका संबंध समाज और परिवार दोनों की नजर में अस्वीकार्य था। रीमा ने कई बार अर्जुन से बात करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनकी बातें उनके जुड़ाव को और मजबूत कर देतीं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अपने कर्तव्यों और रिश्तों को प्राथमिकता दें
यदि आप किसी जटिल स्थिति में हैं, तो अपने विवाह और पारिवारिक कर्तव्यों के प्रति जवाबदेही को याद रखें। देवर-भाभी का रिश्ता पवित्र माना जाता है, इसे कमजोर करने से पारिवारिक संरचना बिखर सकती है।

भावनाओं पर काबू रखें
भावनात्मक और शारीरिक जुड़ाव से पहले यह समझना जरूरी है कि यह केवल क्षणिक हो सकता है। लंबे समय तक यह रिश्ता न केवल खुद को बल्कि पूरे परिवार को दर्द पहुंचाएगा।

खुद से सवाल करें
अपने मन से पूछें कि इस रिश्ते का भविष्य क्या होगा? क्या यह सही दिशा है? इससे आपको सही और गलत का भान होगा।

परिवार के प्रति ईमानदार रहें
अपने साथी के साथ संवाद करें। अगर आप अपने वैवाहिक जीवन में कमी महसूस कर रहे हैं, तो इसे अपने जीवनसाथी के साथ खुलकर साझा करें। यह रिश्ता सुधारने में मदद कर सकता है।

मदद लें
अगर भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा हो, तो किसी काउंसलर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। वे सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

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