नई दिल्ली: पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर देशभर में नई हलचल हो रही है। हाल ही में, गुजरात सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए OPS को दोबारा लागू करने का ऐलान किया। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यह निर्णय राज्य के लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश में भी OPS का मुद्दा उठा
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी और शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने OPS की बहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। हालांकि, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल उत्तर प्रदेश में OPS को पुनः लागू करने की कोई योजना नहीं है।
सरकार का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) की व्यवस्था जारी रहेगी और ओल्ड पेंशन स्कीम के वित्तीय प्रभावों का आंकलन किया जा रहा है।
Delhi मे पुजारी, ग्रंथियों को मिलेगा 18,000 रुपये महीना, केजरीवाल का बड़ा ऐलान
केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का प्रस्ताव दिया है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके हैं। इसमें पेंशन से पहले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
कर्मचारियों और संघों की मांग
विभिन्न कर्मचारी संगठनों और शिक्षक संघों का कहना है कि नई पेंशन योजना (NPS) कर्मचारियों की भविष्य की जरूरतें पूरी करने में असमर्थ है। संघों का तर्क है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को हटाने से कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा कम हुई है। कई राज्य सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिसमें OPS को पुनः लागू करने की मांग की जा रही है।