Cheque Bounce : बड़ी पेमेंट करने के लिए लोग ज्यादातर चेक का इस्तेमाल ही करते हैं आज का समय काफी डिजिटल हो गया है लेकिन फिर भी लोग चेक का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि लोग इस पर ज्यादा भरोसा करते हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग इसके नियमों के बारे में नहीं जानते क्या आप जानते हैं कि अगर आपका चेक बाउंस हो जाए तो आपको कितने साल की सजा हो सकती है और आपको क्या-क्या जुर्माना देना पड़ सकता है नीचे जानिए डिटेल में
Cheque Bounce : देश में कोई ऐसा व्यक्ति नही है जिसने कि Bank में खाता न खुलवा रखा हो। आजकल लोग अपने बच्चों का भी Bank में खाता खुलवाते है। Bank में खाता खुलवाने के साथ ही आपको कई सुविधाएं भी मिलती है या आप इन्हे खुद ले सकते है। इनमें एटीएम कार्ड, पास Book और Cheque Book जैसी सुविधाएं शामिल है। Bank में जब आप खाता खुलवसते हे तो आपको उसके साथ ही सभी नियमों के बारे में भी जान लेना जरूरी है ताकि आगे चलकर आप किसी परेशानी में न फंसे। अगर आप Cheque Book का इस्तेमाल करते है तो Cheque जारी करने से लेकर हर चीज के बारे मे आपको पता होना चाहिए। Cheque Bounce के बारे आपने सुना तो जरूर होगा।
Cheque Bounce का मतलब
सबसे पहले तो आप ये जान लें कि Cheque बांउस होना आखिर होता क्या है। Cheque Bounce का मतलब है कि आपने किसी व्यक्ति को 10,000 रुपये का Cheque साइन करके दिया। वह व्यक्ति अपने Bank में गया और वह रकम अपने खाते में डलवाने के लिए Cheque लगा दिया। Bank ने पाया कि जिस व्यक्ति ने (आपने) Cheque दिया है, उसके खाते में 10,000 रुपये हैं ही नहीं। ऐसे में जिसे पैसा मिलना चाहिए था, उसे नहीं मिला और Bank को अलग से मैनपावर लगानी पड़ी। इस तरह के Cheque रिजेक्ट हो जाने को ही Cheque Bounce होना कहा जाता है।
तो ऐसेस में आप ये ध्यान रखें, जब भी Cheque काटें तो अपने Bank Account में मौजूदा रकम से कम काटें। अगर Cheque Bounce हुआ तो उसके लिए कानून में कड़ी सजा का प्रावधान है, क्योंकि भारत में Cheque Bounce होने को वित्तीय अपराध माना गया है।
Cheque Bounce : कौन सी लगती है धारा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Cheque Bounce का Case परिवादी के परिवाद पर निगोशिएबल इंट्रूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 138 के अंतर्गत दर्ज करवाया जाता है। वैसे भी Cheque Bounce के मामले आए दिन सामने आते हैं और अदालतों में इस तरह के Case लगातार बढ़ने लगे हैं। इससे जुड़े ज्यादातर मामलों में राजीनामा नहीं होने पर अदालत द्वारा अभियुक्त को सज़ा दी जाती है। Cheque Bounce के बहुत कम Case ऐसे होते हैं जिनमे अभियुक्त बरी किए जाते है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि इस मामले में क्या कानूनी प्रावधान हैं?
Cheque Bounce : किस धारा के तहत चलता है केस?
जारी रिपोटर्स के अनुसार, Cheque Bounce के मामले में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट,1881 की धारा 138 के तहत अधिकतम 2 वर्ष तक की सज़ा का प्रावधान है। हालांकि, सामान्यतः अदालत 6 महीने या फिर 1 वर्ष तक के कारावास की सजा सुनाती है। इसके साथ ही अभियुक्त को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 के अंतर्गत परिवादी को प्रतिकर दिए जाने निर्देश भी दिया जाता है। प्रतिकर की यह रकम Cheque राशि की दोगुनी हो सकती है।
Cheque Bounce को लेकर सजा होने पर कैसे करें अपील?
आपको ये जान लेना बेहद जरूरी है कि Cheque Bounce का अपराध 7 वर्ष से कम की सज़ा का अपराध है इसलिए इस अपराध को जमानती अपराध बनाया गया है। इसके अंतर्गत चलने वाले Case में अंतिम फैसले तक अभियुक्त को जेल नहीं होती है। अभियुक्त के पास अधिकार होते हैं कि वह आखिरी निर्णय तक जेल जाने से बच सकता है। Cheque Bounce Case में अभियुक्त सजा को निलंबित किए जाने के लिए गुहार लगा सकता है। इसके लिए वह ट्रायल Court के सामने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389(3) के अंतर्गत आवेदन पेश कर सकता है।
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चूंकि किसी भी जमानती अपराध में अभियुक्त के पास बेल लेने का अधिकार होता है इसलिए Cheque Bounce के मामले में भी अभियुक्त को दी गई सज़ा को निलंबित कर दिया जाता है। वहीं, दोषी पाए जाने पर भी अभियुक्त दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 374(3) के प्रावधानों के तहत सेशन Court के सामने 30 दिनों के भीतर अपील कर सकता है।
केवल इतना ही नही, Cheque Bounce Case में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट Act ,1881 की धारा 139 में 2019 में अंतरिम प्रतिकर जैसे प्रावधान जोड़े गए। इसमें अभियुक्त को पहली बार अदालत के सामने उपस्थित होने पर परिवादी को Cheque राशि की 20 प्रतिशत रकम दिए जाने के प्रावधान है। हालांकि, बाद में सुप्रीम Court ने इसे बदल कर अपील के समय अंतरिम प्रतिकर दिलवाए जाने के प्रावधान के रूप में कर दिया है। अगर अभियुक्त की अपील स्वीकार हो जाती है तब अभियुक्त को यह राशि वापस दिलवाई जाती है।
इसलिए Cheque जारी करने से पहले आपको बहुत सी जरूरी बातों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए ताकि आपसे कोई गलती न हो और Cheque Bounce होने से बचा जा सके।