हरियाणा के इस शहर मे सुख रही यमुना नदी, फरीदाबाद मे प्रकृतिक मार्ग बदला

फरिदाबाद: शहर के लोगों को यमुना नदी के प्राकृतिक मार्ग में पानी की कमी का खामियाजा उठाना पड़ सकता है, जो जिले के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी गिनती अभी से शुरू हो गई है क्योंकि कई क्षेत्रों में सर्दियों में भी पानी की कमी है। यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से दक्षिण हरियाणा में बहने वाली यमुना नदी में एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। दिल्ली और फरीदाबाद के नालों का पानी अभी यमुना में बह रहा है।

वहीं, यमुना में कम पानी होने से रेनीवेल भी सूखने लगे हैं। रेनीवेल लाइन नंबर एक बताता है कि पुराने रेनीवेल लगभग सूख चुके हैं। फिलहाल एनआईटी को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। नतीजतन, पांच से छह दिन बाद लोगों को पानी मिल रहा है। FMDA के अधिकारी भी चिंतित हैं कि यमुना नदी के आसपास का जलस्तर भी एक से डेढ़ इंच नीचे खिसक रहा है। ऐसे में प्रशासन को यमुना नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी लाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जयकिशन दास और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आरएन सिंह ने कहा कि डाकपत्थर से यमुना नदी चलती है तो पानी साफ रहता है। यमुना नदी वहाँ से कई राज्यों में बहती है। हथिनी कुंड बैराज हरियाणा में यमुना का पानी रोकता है। दक्षिण हरियाणा को वहाँ से पानी नहीं मिलता, इसलिए दिल्ली और फरीदाबाद में यमुना खराब है। नालों का पानी अब यमुना में बह रहा है, जिससे कई जलजनित बीमारियां फैलने का खतरा है। यमुना नदी का प्राकृतिक मार्ग अब चालीस प्रतिशत से अधिक सूखा हुआ है।

रविवार को, यमुना रक्षक दल ने यमुना के किनारे का निरीक्षण किया और पूरी जानकारी दी। यमुना रक्षक दल के नारायण यादव ने इस मौके पर गंदे पानी को लेकर कहा कि रेनीवेल से शहर में जा रहा पानी भी साफ नहीं है। उसमें कई बैक्टीरिया भी हो सकते हैं। इसलिए शहर को यमुना नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने तक पर्याप्त पानी नहीं मिलेगा।

फरीदाबाद: अगले पांच वर्षों में स्थिति और बदतर होगी

एफएमडीए अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यमुना किनारे 22 रेनीवेल लगे हुए हैं, जो पानी को सीधे शहर के विभिन्न बूस्टरों तक पहुंचाते हैं। मोठूका और रेनीवेल घरौड़ा दोनों की हालत खराब है। अब वहां नया रेनीवेल लगाया जा रहा है क्योंकि ये जरूरत से भी कम पानी खींच रहे हैं। यमुना के आसपास का जल स्तर भी एक से डेढ़ इंच नीचे जा रहा है, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है, सूत्रों की मानें तो अगले पांच सालों में पानी की स्थिति और खराब हो सकती है। इसलिए, शहर को पानी चाहिए तो यमुना में हमेशा अधिक पानी होना चाहिए।

शहर को फिलहाल 330 एमएलडी दैनिक पानी मिल रहा है, जबकि इसकी आवश्यकता 450 एमएलडी है। लाइन नंबर एक: रेनीवेल की कमी से एनआईटी को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वर्षाकाल में भी सेक्टर 55, गौंछी, 22, 23, 24, प्रतापगढ़, संजय कॉलोनी, जीवन नगर और राजीव कॉलोनी में पांच से छह दिन बाद पानी मिल रहा है।

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