भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की जिम्मेदारी होती है देश में सभी नोटों को जारी करने की। हर नोट का आकार, रंग और डिजाइन अलग होता है, लेकिन एक खास बात जो हर नोट में समान होती है, वो है ‘गवर्नर के हस्ताक्षर’। आपने कई बार नोट को उलट-पलट कर देखा होगा, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर हर नोट पर गवर्नर के साइन क्यों होते हैं? क्या इनके बिना नोट मान्य नहीं होते? आइए जानते हैं इसकी वजह।
भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत आरबीआई को देश में मुद्रा छापने और उसे जारी करने का अधिकार मिला है। इस अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, नोट छापना और उसे चलन में लाना एक बेहद बड़ी जिम्मेदारी है। नोट की असली पहचान और उसकी वैधता तय करने के लिए एक प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें आरबीआई गवर्नर का साइन बेहद जरूरी होता है। दरअसल, गवर्नर का साइन इस बात की गारंटी होता है कि नोट असली है और इसकी कीमत के बराबर राशि आरबीआई जिम्मेदारी से अदा करेगा।
हाल ही में संजय मल्होत्रा ने आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला है। अब नए छपने वाले नोटों पर उनके साइन दिखने शुरू हो जाएंगे। आरबीआई न केवल नोट जारी करता है, बल्कि देश की मौद्रिक नीति, रेपो रेट जैसी अहम चीजों को भी तय करता है।
आपने गौर किया होगा कि सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन 1 रुपये का नोट इसका अपवाद है। 1 रुपये के नोट पर गवर्नर के बजाय वित्त मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 1 रुपये का नोट भारतीय रिजर्व बैंक नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का वित्त मंत्रालय जारी करता है। यह व्यवस्था भी भारतीय कानून के तहत ही तय है।
नोटों पर गवर्नर के साइन होने का सबसे बड़ा कारण उनकी वैधता है। नोट पर लिखा वाक्य-“मैं धारक को इतनी राशि अदा करने का वचन देता हूं” – इस बात का प्रमाण है कि नोट असली है और आरबीआई इसके मूल्य की जिम्मेदारी लेता है। इसी वचन को पूरा करने की गारंटी गवर्नर के साइन होते हैं।
बैंकों की भाषा में नोट को ‘प्रॉमिसरी नोट’ कहा जाता है, यानी एक ऐसा वचनपत्र, जिसमें भुगतान का वादा लिखा होता है। आरबीआई गवर्नर द्वारा किए गए हस्ताक्षर इस वादे को पूरा करने का भरोसा दिलाते हैं। नियम यह है कि बिना गवर्नर के साइन के कोई भी नोट रिजर्व बैंक जारी नहीं कर सकता और न ही किसी अन्य व्यक्ति को इस पर साइन करने का अधिकार होता है।
इस तरह, हर नोट पर गवर्नर का साइन उसकी असलियत और वैधता का प्रमाण होता है। इसलिए अगली बार जब भी आप नोट को देखें, उस पर गौर जरूर करें, वहां गवर्नर का साइन आपको यह भरोसा दिलाता है कि वह नोट असली है और मान्य है।