फाइटर जेट बनाने वाला भारत क्यों नहीं बना सका आज तक इंजन, दूसरे देशों पर निर्भर

भारत ने फाइटर जेट विकसित करने में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जैसे कि हल्के फाइटर विमान Tejas। लेकिन इंजन, जो किसी भी जेट का दिल माना जाता है, उसे लेकर हम आज भी विदेशी तकनीक पर निर्भर हैं। भारत आज अपना खुद का फाइटर जेट बना रहा है, लेकिन आज तक इंजन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। इसी निर्भरता की वजह से भारत को तेजस फाइटर जेट को भारतीय वायुसेना को सौंपने मे परेशानी का सामना करना पड रहा है। जहां चीन जैसे देश 6वीं पीढ़ी का फाइटर जेट उड़ा रहे हैं, वहीं भारत अभी तक 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने के लिए हाथ पैर मार रहा है, और वो भी 2034-35 से पहले भारतीय वायुसेना मे शामिल होना मुश्किल है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों, आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

फाइटर जेट इंजन: अत्याधुनिक तकनीकी चुनौती
फाइटर जेट इंजन बनाना बेहद जटिल काम है। इसमें अत्याधुनिक इंजीनियरिंग, नैनो-टेक्नोलॉजी और लाखों छोटे-छोटे पुर्जों का सही तालमेल होना जरूरी है। इंजन का डिज़ाइन, निर्माण और परीक्षण एक संपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके लिए उच्च तकनीकी ज्ञान और वर्षों का अनुभव आवश्यक है।

विदेशी तकनीक पर निर्भरता
विश्व के प्रमुख इंजन निर्माता, जैसे अमेरिका और यूरोप के देश, दशकों से इस क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान और विकास कर रहे हैं। उनके पास आवश्यक संसाधन, विशेषज्ञता और अनुभव है, जिसके कारण भारत को भी इस क्षेत्र में विदेशी तकनीक और सहयोग का सहारा लेना पड़ता रहा है। कई बार तकनीकी हस्तांतरण के प्रयासों में भी विदेशी प्रतिबंधों के कारण स्वदेशी इंजन विकास में बाधाएँ आई हैं।

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सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता
विदेशी तकनीक पर निर्भरता से न केवल तकनीकी चुनौतियाँ सामने आती हैं, बल्कि यह सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता के मुद्दों को भी जन्म देती है। देश की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। इसी दिशा में, भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) सहित कई संस्थान स्वदेशी इंजन विकास पर काम कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस महत्वपूर्ण घटक में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।

निवेश और अनुसंधान की आवश्यकता
फाइटर जेट इंजन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए देश को निरंतर अनुसंधान, विकास और भारी निवेश की आवश्यकता है। तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान पर केंद्रित प्रयासों से ही हम इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।

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