Vande Bharat Train Route Mistake: अत्याधुनिक और हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस भी कभी-कभी चूक का शिकार हो सकती है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला वाकया तब हुआ जब मुंबई से गोवा के मडगांव की ओर जा रही वंदे भारत ट्रेन रास्ता भटककर कल्याण स्टेशन पहुंच गई। यह घटना यात्रियों के लिए असुविधा और रेलवे अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बनी।
घटना का पूरा विवरण
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से रवाना हुई वंदे भारत एक्सप्रेस को पनवेल रूट से मडगांव की ओर जाना था। लेकिन ट्रेन अचानक दिवा स्टेशन से पहले ही कल्याण की ओर मुड़ गई। सुबह 6:10 बजे, ट्रेन रूट से भटकी और कल्याण स्टेशन जा पहुंची। गलती का पता चलते ही ट्रेन को तुरंत वापस दिवा स्टेशन लाया गया। इस रूट कन्फ्यूजन के चलते ट्रेन को 90 मिनट की देरी का सामना करना पड़ा।
सिग्नल की गलती बनी वजह
रेलवे अधिकारियों ने तकनीकी खामियों को इस घटना की मुख्य वजह बताया। दिवा स्टेशन पर पॉइंट 103 पर सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन में समस्या आई थी। यह पॉइंट डाउन फास्ट लाइन और पांचवीं लाइन के लिए महत्वपूर्ण था, जहां सिग्नल की गलत दिशा ने गड़बड़ी पैदा कर दी। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला के अनुसार, यह गलती मानवीय त्रुटि नहीं, बल्कि तकनीकी गड़बड़ी थी।
35 मिनट तक रुकी रही ट्रेन
रूट में हुई गड़बड़ी के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को दिवा स्टेशन पर लौटाया गया। दिवा स्टेशन पर ट्रेन करीब 35 मिनट तक खड़ी रही। इसके बाद, ट्रेन को सही रूट पर पनवेल के रास्ते मडगांव के लिए रवाना किया गया। इस कन्फ्यूजन की वजह से मुंबई की लोकल ट्रेनों की सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
यात्रियों को हुई असुविधा
इस घटना ने न केवल ट्रेन में सवार यात्रियों को परेशानी में डाला, बल्कि रेलवे अधिकारियों को भी त्वरित कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। यात्रियों ने इस देरी के कारण अपनी असुविधा जाहिर की।
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: OBC और SC विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की फीस उठाएगी सरकार
सीख और सुधार की जरूरत
यह घटना आधुनिक ट्रेनों की संचालन प्रक्रिया में मौजूद तकनीकी चुनौतियों की ओर इशारा करती है। भले ही ट्रेनें अत्याधुनिक हो गई हैं, लेकिन सिग्नलिंग सिस्टम की सटीकता और प्रबंधन की अनिवार्यता अब भी बनी हुई है।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
रेलवे अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस घटना से सीख लेकर सिग्नलिंग और प्रबंधन सिस्टम को और मजबूत बनाया जाएगा। इस वाकये ने एक बार फिर यह साबित किया कि तकनीक के साथ सतर्कता और निगरानी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।