Tenant’s rights : किराएदार बन सकता है आपकी प्रॉपर्टी का मालिक, ना करें ये गलती

Tenant’s rights : आजकल बहुत से लोग रेंट पर रहते है, और बहुत से लोग अपने घरो को किराए पर चढ़ा देते है। जो लोग काफी लंबे समये तक किराए के मकान मे रहते है और कभी कभी ऐसा भी होता है की किराएदार उसी किराए के मकान पर कब्जा कर लेते है, ऐसे मे मकान मालिक (Tenant’s rights) भी कई बार कुछ नही कर पाने के कारण काफी बड़ा नुकसान उठाते है। आइये डीटेल मे जानते है कि ऐसे नुकसान से केसे बचा जाए और किन बातों का ख्याल रखा जाए

Tenant’s rights : किराएदार और landlord को लेकर अक्सर कई मामले सामने आते हैं। उनमें यह भी include होता है कि landlord को fear रहता है कि कोई (Tenant’s rights) किराएदार उनके घर में रहता है तो उस पर पेरमानेंट कब्जा तो नहीं कर लेगा। अगर landlord ने एक छोटी सी मिस्टेक कर दी यह सच भी साबित हो सकता है। आइये जानते हैं कि इस बारे में क्या कहता है कानून।

किराएदार के अधिकार –Tenant’s rights

Rights of tenant and landlord: कई बार लोग एक्सट्रा कमाई के लिए मकान को rent पर चढ़ा देते हैं और कुछ बातों की egnore कर जाते हैं। यही अनदेखी एक (Tenant’s rights) दिन landlord को भारी पड़(Tenant’s rights) जाती है। छोटी सी लापरवाही के कारण landlord को अपने मकान से हाथ भी धोना पड़ जाता है। आज इस न्यूज़ के माध्यम से हम आपको प्रॉपर्टी (property) को लेकर कुछ जरूरी कानूनी प्रावधानों के बारे में बताने वाले हैं, जिसका landlord को पता होना जरूरी है।

क्या कहता है कानून–Tenant’s rights

Rights of tenant and landlord : वैसे तो कभी भी किसी भी किराएदार का landlord की property पर कोई अधिकार नहीं होता है। लेकिन प्रॉपर्टी (property) कानून में कुछ ऐसे प्रावधान भी हैं जिनकी कारण से किराएदार हक का दावा कर सकता है। प्रावधान के अनुसार अगर कोई (Tenant’s rights) किराएदार लगातार 12 साल तक किसी मकान में रहता है तो वह उस पर हक का दावा जता सकता है।–Rights of tenant and landlord

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Rights of tenant and landlord: वह कोर्ट में चुनौती भी दे सकता है। ऐसे में प्रॉपर्टी (property) की असली मालिक अपनी प्रॉपर्टी (property) को गवां सकता है। जमीन पर इस तरह के कब्जे का कानून में प्रावधान दिया गया है। लेकिन यह कानून सरकारी संपत्ति के मामले में अलग है। ऐसा भी देखा गया है कि कई बार इस कानूनी प्रावधान की वजह से landlord को अपनी संपत्ति से हाथ धोना पड़ता है। इस वजह से landlord को इस कानून के बारे में जानना और भी इंपोर्टेंट हो जाता है।

किरायेदार को यह करना पड़ेगा साबित--Rights of tenant and landlord

इसके अलावा किराएदार के मकान खाली ना करने की कई बातें सामने आती हैं। किराए के मकान में रहने वाले लोग इस कानून का benefit उठाने की कोशिश करते हैं। हालांकि इस कानून के तहत किरायेदार को यह साबित करना होता है कि उक्त संपत्ति पर उसका लंबे टाइम से कब्जा था। (Tenant’s rights) इसके अलावा उसे यह भी साबित करना होगा कि लगातार कई years तक उसे किसी ने रोका टाकी नहीं की। ऐसा कम ही किरायेदार साबित कर पाते हैं। property पर कब्जा करने वाले को टेक्स, बिल, बिजली, पानी का bill, के affidavite आदि की भी लंबे समय की पूरी detail व जानकारी देनी होती है।–Tenant’s rights

क्या करें प्रॉपर्टी (property) के असली owner

किसी भी किरायेदार को प्रोपर्टी, PLOT, जमीन या मकान rent पर देने से पहले असल landlord तमाम कानूनी पहलुओं पर गौर कर लें। उसके बाद ही मकान rent पर दें। खासकर 11 months का rent agreement जरूर बनवा लें।

यह न भूलें कि landlord और किरायेदार के बीच हुई रेंट एग्रीमेंट पर ही कानूनी कार्यवाही होती है। इसलिए यह सबसे ज्यादा important है। इसी रेंट एग्रीमेंट में किरायेदार व landlord के बीच में प्रॉपर्टी (property) rent पर लेते समय की कई जानकारियां लिखी होती हैं। यह बनवा लेने के बाद प्रॉपर्टी (property) का असली मालिक अपनी प्रॉपर्टी (property) का सेफ रख सकेगा।

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