हरियाणा रोडवेज के 800 कंडक्टरों की नौकरी पर लटकी तलवार, अनिल विज ने दिये निर्देश

हरियाणा में कंडक्टरों की नौकरी को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। प्रदेश में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से हरियाणा रोडवेज कंडक्टर पद पर जिन लोगों की नियुक्ति की गई थी, अब उनके अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। परिवहन मंत्री अनिल विज ने रोडवेज के सभी डिपो के महाप्रबंधकों को इस जांच के निर्देश दिए हैं।

किसी समय की हड़ताल के दौरान, कुछ उम्मीदवारों ने सरकार की मदद से कंडक्टर के रूप में सेवा प्रदान की थी, और उन्हें इसके बदले न केवल पारिश्रमिक दिया गया था, बल्कि अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए थे। इन अनुभव प्रमाण पत्रों का फर्जी उपयोग करके कुछ लोगों ने कंडक्टर की नौकरी हासिल की। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद, सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इन सभी प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

चरणबद्ध जांच में यह सामने आया है कि 800 से ज्यादा उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से कंडक्टर की नौकरी प्राप्त की। जो लोग हड़ताल के दौरान सरकार के साथ जुड़कर सार्वजनिक सेवाएं देने के वादे के तहत काम कर रहे थे, उनके संदर्भ में दावा किया जा रहा है कि कुछ ने बिना किसी वास्तविक सेवा के सिर्फ फर्जी प्रमाण पत्रों के बल पर नौकरी हासिल की है।

अब, इन सभी कंडक्टरों के अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच करने के लिए रोडवेज डिपो के महाप्रबंधकों द्वारा एक समिति का गठन किया गया है, जो जांच करेगी कि कौन से कंडक्टरों ने वास्तविक सेवा दी थी और कौन-कौन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर रहे थे।

यदि किसी व्यक्ति ने अनजाने में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच में सरकार ने सावधानी से आगे बढ़ने का निर्णय लिया है, ताकि इस तरह के अनियमितताओं को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सरकारी कर्मचारियों की हुई मौज, सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी भुगतान मे हुई वृद्धि Haryana Update

Leave a Comment