Sunita Williams Earth Landing: अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को हो सकती है ये 8 बड़ी शारीरिक और मानसिक परेशानियां

Sunita Williams Space Mission Return: सुनीता विलियम्स या कोई भी अंतरिक्ष यात्री जब अंतरिक्ष यात्रा से लौटकर पृथ्वी पर आता है, तो उसे कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण है – शून्यता (Zero Gravity) के वातावरण से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में वापस आना। आइए जानते हैं धरती पर वापिस लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को कौन कौन सी मुश्किलों का सामना उन्हें करना पड़ सकता है:

अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को झेलनी पड़ेंगी ये 8 गंभीर समस्याएं

मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी (Muscle & Bone Weakness)
अंतरिक्ष में लंबे समय तक ज़ीरो ग्रेविटी में रहने से शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। वहां शरीर का वजन नहीं महसूस होता, इसलिए मांसपेशियों पर दबाव नहीं पड़ता। लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है और हड्डियों का घनत्व घटने से फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है।

संतुलन और चक्कर की समस्या (Loss of Balance & Dizziness)
शून्य गुरुत्वाकर्षण से पृथ्वी के गुरुत्व में लौटने पर शरीर को दोबारा संतुलित होने में समय लगता है। चक्कर आना, सिर घूमना और खड़े होने में दिक्कत आना आम समस्या होती है। कभी-कभी अचानक गिरने की नौबत भी आ सकती है क्योंकि दिमाग को फिर से ग्रेविटी के हिसाब से समायोजन करना पड़ता है।

दिल की कार्यक्षमता पर असर (Impact on Heart Functioning)
अंतरिक्ष में दिल का काम थोड़ा आसान हो जाता है क्योंकि वहां खून पूरे शरीर में पंप करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। लेकिन पृथ्वी पर लौटने के बाद दिल पर अचानक दबाव बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर गिर सकता है और थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है।

कमजोर इम्यून सिस्टम (Weakened Immune System)
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसके चलते सुनीता विलियम्स को लौटने के बाद सर्दी, फ्लू या किसी भी संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा। डॉक्टरों की टीम उनकी इम्यूनिटी को मॉनिटर करेगी।

रक्त संचार में बदलाव (Blood Circulation Problems)
अंतरिक्ष में ब्लड फ्लो अलग तरीके से होता है। लौटने के बाद हाथ-पैर में सूजन आना, थकावट और रक्त संचार में समस्या आना आम बात है। इससे चलते-फिरते समय भारीपन महसूस होता है और लंबे समय तक खड़े रहना मुश्किल हो सकता है।

दृष्टि में बदलाव (Vision Changes)
अंतरिक्ष यात्रियों की नजर पर भी असर पड़ता है। सुनीता विलियम्स को लौटने के बाद आंखों की रोशनी धुंधली लग सकती है या चश्मे का नंबर बदल सकता है। इसका कारण सिर में बढ़ा हुआ फ्लूइड प्रेशर होता है, जो आंखों को प्रभावित करता है।

चैत्र नवरात्रि 2025: माँ दुर्गा हाथी पर सवार, सुख-समृद्धि और वर्षा का शुभ संकेत, जानें माँ शैलपुत्री पूजन का महत्व और स्तोत्र

मानसिक और भावनात्मक चुनौतियाँ (Mental & Emotional Challenges)
अंतरिक्ष में महीनों अकेले रहने के बाद पृथ्वी पर लौटना मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होता है। डिप्रेशन, अकेलापन या स्ट्रेस जैसी समस्याएं आ सकती हैं। दिनचर्या में ढलना मुश्किल हो जाता है और “Post Spaceflight Syndrome” जैसी स्थितियां बन सकती हैं।

फिटनेस और फिजिकल थेरेपी की जरूरत (Need for Fitness & Rehabilitation)
अंतरिक्ष यात्रा के बाद सुनीता विलियम्स को अपनी मांसपेशियों और हड्डियों को फिर से मजबूत करने के लिए लंबे समय तक फिजिकल थेरेपी करनी होगी। कई हफ्तों तक व्यायाम और मेडिकल मॉनिटरिंग जरूरी होगी, जिससे शरीर पहले जैसी ताकत हासिल कर सके।

Leave a Comment