Railways: भारतीय रेलवे ट्रेन हादसों को कम करने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसी दिशा में अब रेलवे ने डुअल डिटेक्शन प्रणाली एवं रस्टी रेल ट्रैक का ट्रायल किया है, जो पूरी तरह सफल रहा है।
झांसी डिवीजन में सफल ट्रायल
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी डिवीजन के हेतमपुर स्टेशन पर इस तकनीक का ट्रायल किया गया, जिसमें सफलता मिलने के बाद इसे कमीशनिंग भी कर दिया गया है। इस नई प्रणाली की खासियत यह है कि किसी भी तकनीकी फेल्योर की स्थिति में ट्रैक को रीसेट करने के लिए स्टेशन मास्टर कक्ष में मैनुअल रिसेट बॉक्स लगाया गया है। इससे संभावित हादसों को रोकने और ट्रेनों के सुचारू संचालन में मदद मिलेगी।
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तकनीक के फायदे
बेहतर ऑपरेशन और सुरक्षा – मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर से अप और डाउन मेन लाइन के साथ तीसरी लाइन में भी मैनुअल रीसेट की सुविधा होगी, जिससे ट्रेन संचालन में सहूलियत होगी।
ट्रैक फेल्योर की स्थिति में त्वरित समाधान – एक्सल काउंटर ट्रैक फेल्योर की स्थिति में स्टेशन मास्टर को ट्रैक रीसेट करने की सुविधा देगा, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित नहीं होंगी।
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देशभर में लागू होगी तकनीक – भारतीय रेलवे इस तकनीक के सफल ट्रायल के बाद इसे अन्य रेलवे जोन में भी लागू करेगा, जिससे पूरे देश में ट्रेनों की सुरक्षा और संचालन में सुधार होगा।