Property Rights : प्रॉपर्टी के लिए लोगों की लड़ाइयां तो होती ही रहती है जब प्रॉपर्टी की बंटवारे की बात आती है तब लोगों में झगड़ा हो जाता है पत्नी की जब अपने पति से शादी होती है तब पति की प्रॉपर्टी में पत्नी का आधा हिस्सा हो जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ससुर की प्रॉपर्टी मैं दामाद का हिस्सा होता है या नहीं जानिए काम की डिटेल
Property Rights : आज के समय में शादी होते ही patni का Pati की जायदाद में आधा हिस्सा की हकदार हो जाती है ठीक उसी तरह आज हम जानेगे की Damad का सुसूर की जायदाद में अधिकार होता है या नहीं। इसी विषय पर आज हम चर्चा करने जा रहें है तो आइए जाने इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से… शादी हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है । वैसे तो देखा जाता है की Beti के मायके वाले उसकी Sasural में उसको सही तरीके से रखने के लिए हर प्रयास करते हैं, ताकि उनकी Beti को कोई भी परेशानी न हो। Property Rights
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वे Sasural पक्ष की हर मांग, चाहे वह सही हो या गलत, सभी बातों को पूरा करते रहें । इसी संबंध में एक मामले में Court ने स्पष्ट कर दिया कि Damad का अपने Sasur की जायदाद पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है, चाहे उसने उस जायदाद को खरीदने या बनाने में आर्थिक मदद क्यों न की हो।
हाँ अगर Sasur अपनी जायदाद Damad के नाम पर हस्तांतरित कर देते हैं, तो वह जायदाद Damad की कानूनी जायदाद बन जाती है और Sasur का उस पर कोई अधिकार नहीं रहता। लेकिन, अगर यह धोखाधड़ी या जबरदस्ती से हुआ है, तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। इसी प्रकार पत्नी के मामले में भी कुछ ऐसा ही होता है। पत्नी का अपने Pati या Sasural की पैतृक जायदाद पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता। अगर Pati की मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी को केवल उतना ही हिस्सा मिलता है, जितना उसके Pati का होता। यदि Pati के बाद सास-Sasur का निधन हो जाता है, तो महिला को जायदाद पर अधिकार मिल सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब सास Sasur ने अपनी जमीन किसी और के नाम ना की हो।–Property Rights
तभी पत्नी को उस जायदाद में अधिकार मिल सकते हैं। केरल उच्च न्यायालय ने भी इसी प्रकार के एक फैसले में यह स्पष्ट किया कि Damad का अपने Sasur की जायदाद या भवन पर कोई कानूनी अधिकार नहीं होता। न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार ने यह आदेश कन्नूर के तलीपरंबा के डेविस राफेल द्वारा दायर एक अपील को खारिज करते हुए दिया। डेविस राफेल ने पय्यन्नूर उप-न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें उनके Sasur हेंड्री थॉमस की जायदाद पर उनके दावे को खारिज कर दिया गया था।–Property Rights
पत्नी के मामले में भी यही स्थिति है। पत्नी का Sasural की पैतृक जायदाद पर कोई अधिकार नहीं होता। यदि Pati की मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी को केवल उतना हिस्सा मिलता है जितना उसके Pati का होता था। अगर Pati के निधन के बाद सास-Sasur का निधन होता है और उन्होंने जायदाद किसी अन्य के नाम वसीयत न की हो, तो पत्नी को जायदाद पर अधिकार मिल सकता है।–Property Rights
क्या पूरा मामला?—Property Rights
मामला यह है कि जायदाद से जुड़े इस विवाद में Sasur ने ट्रायल Court में एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने अपने Damad डेविस के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी। Sasur का आरोप था कि डेविस उनकी जायदाद में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहे हैं और उनके घर और जायदाद के शांतिपूर्ण कब्जे में दखल दे रहे हैं। मामले की जानकारी के अनुसार, हेंड्री ने दावा किया कि उन्होंने थ्रीचंबरम स्थित सेंट पॉल चर्च से यह जायदाद उपहार में पाई थी, जो चर्च के फादर जेम्स नसरथ के माध्यम से उन्हें मिली थी।–Property Rights
हेंड्री का कहना था कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से पक्का मकान बनाया है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनके Damad का इस जायदाद पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है, इसलिए वह कोई दावा नहीं कर सकते। दूसरी ओर, Damad ने अपनी दलील में कहा कि यह जायदाद संदिग्ध है क्योंकि यह उपहार परिवार के लिए चर्च के अधिकारियों द्वारा दिया गया था।–Property Rights
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उनका कहना था कि उन्होंने हेंड्री की इकलौती Beti से शादी की थी और शादी के बाद उन्हें परिवार का सदस्य मान लिया गया था, इसलिए उन्हें उस घर में रहने का अधिकार है। निचली अदालत ने यह फैसला सुनाया था कि Damad का Sasur की जायदाद पर कोई कानूनी हक नहीं है। वैसे भी, यह कानून पहले से ही स्पष्ट है कि Damad Sasur की जायदाद पर दावा नहीं कर सकता।
High Court ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि Damad को परिवार का सदस्य मानना मुश्किल है। अदालत ने Damad की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि शादी के बाद उसे परिवार का सदस्य मानकर अपनाया गया था। अदालत ने इसे एक शर्मनाक तर्क करार दिया।