Pilot Job: “बहुत हवा में उड़ रहे हो” — आपने यह कहावत अक्सर सुनी होगी। इसका मतलब है कि आप अपनी सामान्य स्थिति या लाइफस्टाइल को छोड़कर कुछ ऊंचा करने का सपना देख रहे हैं। हर किसी का सपना होता है आकाश छूने का, और इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप आम आदमी हैं या फिर विमान उड़ाने वाले पायलट। तो चलिए, हम आपको पायलट बनने की यात्रा और उनकी कमाई के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
पायलट बनने का सफर और उनका करियर (Pilot Career and Journey)
पायलट बनने के सफर की बात करते हुए पायलट मोहन तेवतिया ने अपने अनुभव साझा किए हैं। सबसे पहले, पायलट बनने के लिए जरूरी है कि आपने 12वीं पास की हो। इसके बाद शुरू होता है लंबा और कठिन प्रशिक्षण। मोहन तेवतिया ने बताया कि सबसे पहले आपको एक लिखित परीक्षा (रिटन एग्जाम) पास करनी होती है और उसके बाद 200 घंटे की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की जाती है। दोनों चरण पास करने के बाद ही आपको एक लाइसेंस मिलता है। लेकिन ध्यान रखें, इसे प्राप्त करने के बाद भी आप एक प्रशिक्षित पायलट नहीं होते।
पायलट ट्रेनिंग की प्रक्रिया (Pilot Training Process)
आपको छोटे विमानों को उड़ाना सिखाया जाता है, और यदि आपको एक प्रोफेशनल पायलट बनना है, या किसी एयरलाइन से जुड़ना है, तो इसके लिए और अधिक 50 दिनों की अलग से ट्रेनिंग लेनी होती है, जो बहुत महंगी होती है। मोहन तेवतिया के अनुसार, पायलट बनने में कम से कम 60 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक का खर्च आता है, और यह खर्च ट्रेनिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
पायलट की जॉब के अवसर और सैलरी (Pilot Job Opportunities and Salary)
पायलट बनने के बाद जॉब के बारे में पूछते हुए मोहन तेवतिया ने कहा कि अक्सर भर्तियां होती रहती हैं, और नई एयरलाइंस के लॉन्च होने से जॉब्स के अवसर बढ़े हैं। हालांकि, मंदी या महामारी जैसे समय में जॉब कम हो सकती है। ऐसे समय में भी, मिडिल ईस्ट देशों में ट्रेंड पायलट्स की कमी होने की वजह से भारतीय पायलट्स को इन देशों में काम करने के अवसर मिलते हैं।
पायलट की कमाई और अनुभव (Pilot Earnings and Experience)
अब बात करते हैं सैलरी की। मोहन तेवतिया बताते हैं कि एक फ्लाइट में दो पायलट होते हैं—एक कैप्टन और एक फर्स्ट ऑफिसर। कैप्टन की सैलरी करीब 8-10 लाख रुपये प्रति माह होती है, जबकि फर्स्ट ऑफिसर को 3 लाख रुपये तक मिलते हैं। पांच साल के अनुभव के बाद, फर्स्ट ऑफिसर को कैप्टन के पद पर प्रमोट किया जा सकता है। मिडिल ईस्ट में, जहां पायलट्स की कमी है, सैलरी 12 से 14 लाख रुपये प्रति माह भी हो सकती है।

प्राइवेट जेट्स उड़ाने वाले पायलट की सैलरी एयरलाइंस पायलट्स की समान होती है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसका जेट उड़ा रहे हैं। भारत में, आम तौर पर पायलट की सैलरी रेंज 10 से 15 लाख रुपये प्रति माह होती है।
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यह कहानी बताती है कि पायलट बनने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन जब आप सफलता प्राप्त करते हैं तो आपको उसका अच्छा फल भी मिलता है। चाहे आप विमान उड़ाने का सपना देख रहे हों या फिर इसे पूरा करने का लक्ष्य रख रहे हों, यह पेशा सच में ऊंचाईयों तक ले जाता है।