Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के विचार जीवन को नई दिशा देने वाले हैं। उनके अनुसार, भगवान कभी किसी से कुछ छीनते नहीं, बल्कि देने वाले हैं। वे मोह को हटाकर सच्चा ज्ञान देते हैं और हमें नाशवान चीजों के प्रति आसक्ति से मुक्त कर सच्चे आनंद की ओर ले जाते हैं।
कई लोग यह सवाल करते हैं कि क्या भगवान जिस पर कृपा करते हैं, उसका सब कुछ छीन लेते हैं? इस पर प्रेमानंद जी महाराज स्पष्ट रूप से कहते हैं कि भगवान छीनते नहीं, बल्कि देते हैं। वे अज्ञान को हटाकर ज्ञान देते हैं, मोह को दूर करके भक्ति का सुख प्रदान करते हैं और दुखों को हरकर जीवन में सच्ची शांति लाते हैं। उनका कहना है कि “भगवान केवल देने वाले हैं।”

जो व्यक्ति भगवान की निंदा करता है, उसे भी भगवान जीवन देते हैं और उसे इस जीवन को खुलकर जीने का अवसर मिलता है। फिर जो व्यक्ति सच्ची भक्ति करता है, उसका जीवन कष्टमय कैसे हो सकता है? भगवान अपने भक्तों का कभी अहित नहीं करते, बल्कि उनके दुखों को हरते हैं और जीवन में आनंद का संचार करते हैं।
अगर कोई व्यक्ति काम, क्रोध और मोह में फंसा है, तो भगवान उसे इन बंधनों से मुक्त कर देते हैं। यदि कोई माया में उलझा हुआ है, तो भगवान उसे माया से दूर करके आत्मज्ञान की ओर बढ़ाते हैं। सच्चाई यही है कि भगवान केवल सुख और शांति देते हैं, दुखों से मुक्ति प्रदान करते हैं।
भगवान से प्रेम करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जो व्यक्ति भगवान से प्रेम करता है, उसे सारा संसार प्रेम करने लगता है। जिस पर परमात्मा की कृपा होती है, उस पर हर दिशा से कृपा बरसती है। “जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करे सब कोई,” यह चौपाई यही समझाती है कि जब भगवान कृपा करते हैं, तो पूरी सृष्टि उस व्यक्ति के प्रति दयालु हो जाती है।