Pension Scheme: आज की बड़ी खबर उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए है, जो पेंशन को लेकर परेशान रहते थे। जी हां, केंद्र सरकार ने आखिरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को हरी झंडी दे दी है। पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। ये स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी। अब सवाल उठता है – आखिर ये UPS है क्या? तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं।
दरअसल, अभी तक केंद्र सरकार के कर्मचारी NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत आते थे। इसमें आपकी पेंशन पूरी तरह मार्केट के हवाले थी। शेयर बाजार अच्छा चला, तो पेंशन बढ़िया, नहीं चला तो पेंशन में कटौती! लेकिन अब UPS में ऐसा नहीं होगा। इसमें सरकार ने गारंटी दी है कि रिटायरमेंट के वक्त आपको आपके अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% हर महीने पेंशन के तौर पर मिलेगा। और हां, इसमें महंगाई भत्ता और बाकी रियायतें भी मिलेंगी।
इस स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी कम से कम 25 साल की सर्विस पूरी हो चुकी होगी। वहीं, 1 अप्रैल 2025 के बाद जो नए लोग सरकारी नौकरी में आएंगे, वो भी इस UPS स्कीम में शामिल हो सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि 23 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को अब NPS और UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।
अब बात आती है अंशदान की। तो भाई, UPS में भी आपको अपनी सैलरी और डीए का 10% जमा करना होगा। वहीं, सरकार का योगदान 18.5% रहेगा। लेकिन फंड का बड़ा हिस्सा सरकारी बॉन्ड्स में निवेश किया जाएगा, ताकि रिस्क कम हो और रिटर्न बेहतर मिले।
हालांकि एक बात ध्यान रखने वाली है – अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है या उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, तो उसे इस UPS स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। मतलब ये योजना सिर्फ रिटायरमेंट वालों के लिए है।
तो दोस्तों, कुल मिलाकर कहें तो UPS योजना एक तरह से पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) और NPS का मिक्स है। जहां गारंटी भी है और निवेश भी। अब देखना ये होगा कि कर्मचारी क्या चुनते हैं – पुरानी याद दिलाने वाली गारंटी वाली UPS या फिर शेयर बाजार की मार झेलने वाली NPS।