माँ बाप की ये 5 आदतें बना देती है बच्चे की जिंदगी नर्क Parenting tips

Parenting tips Hindi: माँ बाप को बच्चों का पहला भगवान माना जाता है। 9 महीने माँ के गर्भ मे रहने के बाद बच्चे को नया जीवन मिलता है, जो माँ बाप के लाड़ प्यार मे गुजरता है। बच्चा धीरे धीरे जब बड़ा होने लगता है, तो सारी बाते समझने लगता है। ऐसे मे माँ बाप की अच्छी बुरी आदतों का असर बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वस्थ्य पर भी पड़ता है। लेकिन कुछ आदतें ऐसी होती हैं जिनसे बच्चा माँ बाप से नफरत भी करने लगता है, और आगे चलकर बच्चा ट्रोमा का शिकार भी हो सकता है, क्योंकि फिर अगर वो पुरानी बातों को भूलना भी चाहे तो नहीं भुला पाता, और वो पुरानी बातों को याद करके नफरत मे जीता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे मे जो भूलकर भी बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए। (chanakya niti)

आइए जानते हैं माँ बाप की 5 बुरी आदतें, जो बिगाड़ देगी बच्चों की मानसिक सेहत

बच्चों पर ज्यादा सख्ती करना

कुछ माँ बाप अपने बच्चों पर जरूरत से ज्यादा सख्ती और कठोर व्यवहार करते हैं, जिससे बच्चा डर और असुरक्षित महसूस करता है। इसलिए बच्चा खुद की भावनाओं को आपको कहने से डरेगा और छुपाए रखेगा, इसलिए माँ बाप को अपनी इस आदत को छोड़ देना चाहिए।

बच्चों को दूसरों से कंपेयर करना

अक्सर माँ बाप अपने बच्चों को दूसरों से कंपेयर करने लग जाते हैं, उनपर अव्वल रहने के लिए दबाव बनाने लगते हैं कि वो दूसरों की तरह बने। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आज ही छोड़ दें, नहीं तो बच्चा आत्मविश्वास खो देगा और हो सकता है कि वो मानसिक स्वस्थ्य खोने लगे।

जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप करना

बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने मे माँ बाप का खास योगदान होता है, वो अक्सर बच्चों को आगे बढ्ने मे सलाह देते हैं, लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा बच्चों के कार्य मे हस्तक्षेप करेंगे तो बच्चा कभी भी आत्मनिर्भर नहीं बन पाता और ये बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है और बच्चा मानसिक विकास से वंचित रह सकता है।

बच्चों के सामने न करें कलेश

बच्चों के सामने अगर आप लड़ाई झगड़ा करते हैं तो आज ही बंद कर दीजिये, वरना आपकी ये आदतें बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर सकती है। आपकी लड़ाई झगड़ों से बच्चा मानसिक स्वस्थ्य खो सकता है, क्यों कि वो खुद को असुरक्षित महसूस करेगा। जिंदगी भर आपकी लड़ाई झगड़ों को याद करेगा और परेशान रहेगा।

बच्चों की भावना और जरूरतों को अनदेखा करना

आजकल के माँ बाप अक्सर अपने फैसले बच्चों पर थोपने लगते हैं, जो गलत भी साबित होता है। बच्चा जिस भावना के साथ आगे बढ़ रहा है, और उसे किस चीज की जरूरत महसूस हो रही है, उसे जानना चाहिए और प्रेरित करना चाहिए। अन्यथा वो खुद को अकेला महसूस करने लगेगा और परेशान रहेगा।

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