देश में बेहतरीन सड़क नेटवर्क बनाने के बाद, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari, जो हाइवे मैन के रूप में जाने जाते हैं, अब देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ईवी एक्सपो-2024 में कहा कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicles) बाजार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जिससे करीब 5 करोड़ रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
गडकरी (nitin gadkari) ने यह भी बताया कि परिवहन क्षेत्र वायु प्रदूषण का 40 प्रतिशत हिस्सा जिम्मेदार है, और भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जो आर्थिक दृष्टि से बड़ी चुनौती है। इसी संदर्भ में, उन्होंने ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया, जिससे भारत की 44 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादित होती है। उन्होंने देश में एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता जताई, जबकि अभी हमारे पास केवल 50 हजार बसें हैं। साथ ही, उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
भारत बनेगा तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार : Nitin Gadkari
गडकरी ने बताया कि 2014 में भारत का मोटर वाहन उद्योग 7 लाख करोड़ रुपये का था, जबकि अब यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। इस समय भारत दुनिया में ऑटोमोबाइल सेक्टर में तीसरे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 78 लाख करोड़ रुपये और चीन 47 लाख करोड़ रुपये के साथ पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
ईवी फाइनैंसिंग को आसान बनाना
गडकरी ने इस बात का भी उल्लेख किया कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन फाइनैंसिंग बाजार 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे ईवी खरीदना और भी अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।
ग्रीन एनर्जी पर ध्यान केंद्रित करना
Nitin Gadkari ने कहा कि सरकार अब ग्रीन एनर्जी पर अधिक ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि भारत की 44 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादित होती है, और हम जल विद्युत, सौर ऊर्जा और बायोमास जैसे हरित ऊर्जा के स्रोतों के विकास को उच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया।
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