हरियाणा में जमीन खरीद-फरोख्त के नए नियम लागू, बिना रजिस्ट्री नहीं होगा अब कोई सौदा

हरियाणा सरकार जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। अब बिना रजिस्ट्री कराए कोई भी जमीन न खरीदी जा सकेगी और न बेची जा सकेगी। सरकार ने इसके लिए नया मसौदा तैयार कर लिया है और जल्द ही ये नियम लागू होने जा रहा है। इसका मकसद है गलत तरीके से हो रही जमीन की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से लगाम लगाना।

अक्सर देखा जाता था कि शहरों के बाहरी इलाकों में जमीन की रजिस्ट्री में कई पेंच फंसे रहते थे। ऐसे में डेवलपर्स, बिल्डर्स और सोसायटियां खरीदार का नाम अपनी बुक्स में चढ़ाकर कब्जा दे देते थे, लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराते थे। इससे सरकार को स्टांप ड्यूटी का भारी नुकसान होता था। लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तरह की सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होगा। अगर कोई तय समय सीमा में प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं कराएगा, तो उसे मौजूदा कलेक्टर रेट के हिसाब से पूरा स्टांप शुल्क चुकाना होगा।

सरकार अब तहसीलों में रजिस्ट्री कराने की सुविधा को भी हाईटेक बना रही है। जैसे पासपोर्ट ऑफिस में ऑनलाइन आवेदन और प्रोसेस होता है, ठीक वैसे ही अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए भी आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कोई भी व्यक्ति घर बैठे रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकेगा।

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इसके अलावा प्रदेश की इंच-इंच जमीन का ड्रोन सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है। सभी गांवों के राजस्व रिकॉर्ड को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है। अब ततीमा काटने और शजरा अपडेट करने का काम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा। इसके लिए सभी 22 जिलों के 10-10 गांवों में पटवारियों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।

आने वाले समय में पूरे प्रदेश में राजस्व रिकॉर्ड अपने आप अपडेट होता रहेगा। जमीन की निशानदेही के लिए भी नई तकनीक लाई जा रही है। अब जरीब की बजाय रोवर तकनीक से जमीन की निशानदेही होगी, जिससे कम समय में और कम कीमत में सटीक निशानदेही संभव होगी।

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