FASTag Rules 2025: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार (7 जनवरी) को एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसके जरिए न सिर्फ ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी, बल्कि ईंधन और समय की भी बचत होगी।
अगर फास्टैग काम नहीं करता है या टोल भुगतान नकद, स्मार्ट कार्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, या अन्य माध्यम से किया जाता है, तो वाहन मालिक को दोगुना टोल शुल्क देना होगा। महाराष्ट्र में एमएसआरडीसी (MSRDC) के 50 और लोक निर्माण विभाग (PWD) के 23 टोल बूथ हैं, जहां इस नियम का पालन किया जाएगा।
FASTag क्या है और कैसे काम करता है?
फास्टैग एक खास स्टीकर होता है जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित होता है। जैसे ही गाड़ी टोल बूथ से गुजरती है, स्कैनर विंडस्क्रीन पर लगे इस स्टिकर को पढ़ता है और लिंक्ड अकाउंट से ऑटोमैटिक तरीके से टोल कट जाता है।
इस प्रक्रिया से टोल बूथ पर ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाती है।
ई-कैबिनेट की पहल
महाराष्ट्र सरकार ने प्रशासनिक कामकाज को डिजिटाइज करने की दिशा में भी एक कदम बढ़ाया है। जल्द ही राज्य में “ई-कैबिनेट” प्रणाली लागू होगी। इसका उद्देश्य कैबिनेट बैठकों में कागज के इस्तेमाल को खत्म करना और स्मार्ट टैबलेट के जरिए फैसले लेने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है।
Read more- School Timing Change: यूपी मे बदला 9वीं से 12वीं कक्षा के स्कूलों का समय
कैबिनेट के बाद मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने बताया कि यह इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली सरकारी कामकाज को पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ बनाएगी। इस पहल के जरिए एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से कैबिनेट के फैसले सीधे जनता तक पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज करने और समय पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है।