नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय वायुसेना के उस बड़े प्लान के बारे में, जो देश की सबसे ताकतवर फाइटर जेट Su-30 MKI को और भी ज्यादा खतरनाक बना देगा। जी हां दोस्तों, साल 2025-26 में वायुसेना अपने इस वर्कहॉर्स फाइटर जेट को पूरी तरह से देसी तकनीक से लैस करने जा रही है।
तो आखिर क्या-क्या बदलने वाला है इस अपग्रेड में? आइए जानते हैं इस पूरी रिपोर्ट में…
दोस्तों, idrw.org की रिपोर्ट के अनुसार, संसद में हाल ही में रखी गई स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना अब अपने Su-30 MKI फ्लीट को स्वदेशी तकनीकों से अपग्रेड करने जा रही है। और ये काम शुरू होगा फाइनेंशियल ईयर 2025-26 से।
इस अपग्रेड का मकसद साफ है – वायुसेना की ताकत बढ़ाना और भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई पर ले जाना।
आपको बता दें कि Su-30 MKI भारतीय वायुसेना की रीढ़ है। पूरे 260 से ज्यादा फाइटर जेट्स हमारी वायुसेना के पास हैं और ये अकेले आधी से ज्यादा एयर स्ट्रेंथ का हिस्सा हैं। ये जेट हवा में दुश्मन को तबाह करने से लेकर जमीन पर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में माहिर हैं। लेकिन इन जेट्स में अभी भी कई विदेशी सबसिस्टम लगे हुए हैं, जो हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है।
अब बात करते हैं इस अपग्रेड के सबसे खास हिस्से की – स्वदेशी एवियोनिक्स।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें देसी मिशन कंप्यूटर, अगली पीढ़ी के कॉकपिट डिस्प्ले और रडार सिस्टम शामिल होंगे।
DRDO का डेवलप किया गया Virupaksha AESA रडार भी इस लिस्ट में सबसे बड़ा नाम है।
फिलहाल Su-30 MKI में रूस का N011M Bars रडार लगा है, जो अच्छा है, लेकिन AESA रडार आने के बाद एक साथ कई टारगेट्स को ट्रैक करने और दुश्मन पर ज्यादा सटीक वार करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
अब आते हैं हथियारों पर… और यकीन मानिए दोस्तों, इसमें भी भारत कमाल करने जा रहा है।
फिलहाल Su-30 MKI में देश में बना Astra Mk-1 मिसाइल लग चुकी है, जिसकी रेंज 100 किलोमीटर से ज्यादा है। साथ ही ब्रह्मोस-A सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी लगाई गई है, जो 300 से 400 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के ठिकाने तबाह कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2025-26 में इस फ्लीट में Astra Mk-2 जैसी मिसाइल भी शामिल होगी, जिसकी रेंज 160 किलोमीटर से ज्यादा होगी।
साथ ही SAAW यानी स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन को भी शामिल किया जाएगा, जो दुश्मन के एयरबेस को निशाना बनाने में इस्तेमाल होगा।
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और दोस्तों, अब सबसे इम्पॉर्टेंट पार्ट – इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर।
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि Su-30 MKI में अब एडवांस्ड ईडब्ल्यू सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे ये जेट किसी भी दुश्मन की रडार या मिसाइल को जाम कर सकेगा और खुद को बचा भी सकेगा।
DRDO का Dhruti रडार वॉर्निंग रिसीवर और नया विकसित हो रहा Samyukta EW सिस्टम इस अपग्रेड का हिस्सा हो सकते हैं।
तो दोस्तों, साफ है कि आने वाले सालों में Su-30 MKI पहले से भी ज्यादा खतरनाक बनने जा रहा है – पूरी तरह देसी ताकत के साथ। ये अपग्रेड भारतीय वायुसेना को वो ताकत देगा, जिसकी जरूरत है बदलते हालात में, खासकर हमारे उत्तरी और पश्चिमी बॉर्डर पर।