हरियाणा को आधिकारिक रूप से अपना राज्य गीत मिल गया है। हरियाणा राज्य गीत चयन समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने शुक्रवार को सदन में समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे सदन ने सर्वसम्मति जताते हुए ध्वनिमत से स्वीकृत कर लिया। इस मौके पर सदन में ‘जय-जय-जय हरियाणा’ गीत को सुनाया भी गया, जिसकी सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी जमकर सराहना की।
गीत स्वीकृत होने के मौके पर विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सभी प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए इसके गायन के मापदंड तय करने के लिए विधान सभा की कमेटी बनाने की भी घोषणा की। समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय समिति के चेयरपर्सन लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि समिति को प्राप्त सभी गीतों पर गहन विचार विमर्श करने के बाद इस गीत का चयन किया है।
The Haryana Assembly chamber echoed with "Jai Jai Jai Haryana" today as all MLAs, ministers and the Speaker stood at attention. This powerful display of respect for the Jai Jai Jai Haryana song highlights the importance of regional identity alongside national unity in Haryana's… pic.twitter.com/iYGKYA0FUL
— The Haryana Story (@TheHaryanaStory) March 28, 2025
समिति ने गीत की विषय वस्तु को हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक संरचना और प्रदेश की विकास यात्रा के संदर्भ में परखने का प्रयास किया। इस दौरान गीत को अर्थ, भाव और लय इत्यादि संगीत की कसौटियों पर परखा गया। गीत से बनने वाले सुखद वातावरण व प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर इसकी उपयोगिता का आंकलन किया गया। समिति ने इस बात का विशेष ख्याल रखा है कि गीत हरियाणवी बोली के गायकों के लिए भी सहज रहे, वहीं यह गीत राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी प्रभावी हो।

गीत में हरियाणा के इतिहास को संजोये वैदिक काल की भाषा संस्कृत, हिन्दी और वर्तमान बोली हरियाणवी के शब्दों का संतुलित, तर्कसंगत व समन्वयपूर्ण प्रयोग किया है। संस्कृत भाषा में यहां के आतिथ्य और सेवा भाव जैसी विशेषताओं को लिपिबद्ध किया गया है। समिति ने राज्यगीत में प्रदेश की उत्सवधर्मी संस्कृति और हरियाणवियों की सादगी जैसी मूल विशेषताओं को इंगित करने का प्रयास किया है। इसमें प्रदेशवासियों के आपसी भाईचारे, शिक्षा और व्यापार का भी विशेष तौर पर वर्णन है।
गीत में जहां हरियाणवी लोक जीवन को काव्यबद्ध किया गया, वहीं प्रदेश का गौरव बढ़ाते किसानों, वीर-सैनिकों और खिलाड़ियों के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। समिति ने माना है कि यह गीत जहां प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सम्बल प्रदान करेगा वहीं, यह प्रदेश के कण-कण में व्याप्त राष्ट्र गौरव के भाव को भी पुष्ट करेगा।
समिति में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की अध्यक्षता में गठित हरियाणा राज्य गीत चयन समिति में विधायक गीता भुक्कल, विनोद भ्याना, बलवान सिंह दौलतपुरिया, आदित्य देवीलाल सदस्य हैं। 14वीं विधान सभा के दौरान विधायक जोगी राम सिहाग, नीरज शर्मा, बिशम्बर सिंह भी सदस्य रहे। विधान सभा के प्रभारी सचिव डॉ. सतीश कुमार और मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार इस समिति के अधिकारी हैं।
समिति ने जिस गीत की अनुशंसा की है उसे डॉ. बाल किशन शर्मा ने लिखा है। डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है, पारस चोपड़ा ने संगीतबद्ध किया तथा सुश्री मालविका पंडित ने इसका निर्देशन किया है। विषय विशेषज्ञ के तौर पर लोक कलाकर पदमश्री महावीर सिंह गुड्डू समिति की बैठकों में शामिल रहे।