हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक कदम: SC सूची से आपत्तिजनक जाति नाम हटाने की पहल

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य की अनुसूचित जाति (SC) सूची से कुछ जाति नामों को हटाने का अनुरोध किया है, जो लंबे समय से आपत्तिजनक माने जा रहे हैं। यह कदम जातीय भेदभाव और सामाजिक कलंक को मिटाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

अनुरोध किए गए नामों में शामिल हैं:

‘चूड़ा’ और ‘भंगी’, जो SC सूची में क्रमांक 2 पर दर्ज हैं।
‘मोची’, जो SC सूची में क्रमांक 9 पर दर्ज है।

जाति नामों के हटाने से भेदभाव को खत्म करने की उम्मीद

राज्य सरकार ने हाल ही में एक पत्र भेजकर यह स्पष्ट किया कि ये जाति नाम न केवल अपमानजनक हैं बल्कि इनका सामाजिक प्रासंगिकता से भी अब कोई संबंध नहीं रह गया है। सरकार ने SC सूची की समीक्षा करते हुए इन नामों को चिन्हित किया है और इनके औपचारिक हटाने का प्रस्ताव दिया है।

सरकार ने यह भी उल्लेख किया है कि इस तरह का अनुरोध 2013 में भी किया गया था, लेकिन उस समय इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब, यह नया पत्र केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जांच के अधीन है।

आपत्तिजनक जाति नाम और सामाजिक पूर्वाग्रह

पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े ये जाति नाम वर्तमान समय में सामाजिक पूर्वाग्रह और भेदभाव का कारण बन गए हैं। नकारात्मक और अपमानजनक संदर्भ में इनका उपयोग अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराधों की श्रेणी में आता है, जिसमें सख्त दंड का प्रावधान है। यह कदम समाज में सकारात्मक बदलाव और समानता स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव

इस अनुरोध को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को संविधान (SC) आदेश, 1950 में संशोधन करना होगा। यह प्रक्रिया अनुसूचित जाति और जनजाति सूचियों में जातियों को शामिल करने या हटाने के लिए आवश्यक है।

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