गरुड़ पुराण: किन 9 द्वारों से प्राण शरीर छोड़ते हैं, पापी और धार्मिक लोगों की क्या है पहचान?

गरुड़ पुराण एक प्राचीन ग्रंथ है, जो मृत्यु, आत्मा और परलोक से जुड़ी गहरे रहस्यों को उजागर करता है। इस पुराण के अनुसार, शरीर के कुल नौ द्वार होते हैं, और मृत्यु के समय आत्मा इन द्वारों में से किसी एक से बाहर निकलती है। यह पुराण केवल मृत्यु के क़्रम को ही नहीं, बल्कि यह भी बताता है कि आत्मा का शरीर त्यागने का मार्ग उस व्यक्ति के कर्मों और स्वभाव से प्रभावित होता है।

शरीर के 9 द्वार कौन कौन से हैं

गरुड़ पुराण में शरीर के नौ द्वारों का उल्लेख किया गया है, जिनसे आत्मा देह त्याग करती है। ये द्वार हैं:

दोनों आँखें
दोनों कान
मुख
दोनों नासिकाएँ
शरीर के दोनों उत्सर्जन अंग
मृत्यु के समय, इन द्वारों में से किसी एक से आत्मा शरीर छोड़कर निकलती है।

शरीर से प्राण निकलने का तरीका

किसी व्यक्ति के शरीर से प्राण किस द्वार से निकलते हैं, यह उस व्यक्ति के स्वभाव, कर्मों और जीवन के आचरण पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो अक्सर देखा जाता है कि उसका मुख या आँखें खुली रहती हैं। इसका कारण यह होता है कि उसके प्राण या तो मुख से या आँखों से बाहर निकले होते हैं।

किस द्वार से निकलते हैं प्राण?

नाक से प्राण का निकलना – गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति अपने जीवन को भगवान की भक्ति में लीन करके व्यतीत करता है, उसके प्राण नाक से निकलते हैं। इसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि व्यक्ति का जीवन धर्म और भक्ति से भरपूर था।

पापी व्यक्तियों के प्राण – जिन लोगों का जीवन स्वार्थ, लालच, या कामवासना में लीन रहता है, उनके प्राण शरीर के उत्सर्जन अंग से निकलते हैं। यह बेहद अशुभ माना जाता है। ऐसे लोग मृत्यु के समय यमराज के दूतों को देखते हैं, जिससे घबराकर उनके प्राण शरीर के निचले हिस्से की ओर सरकने लगते हैं और फिर प्राण वायु मल-मूत्र द्वार से बाहर निकल जाती है। इस स्थिति में, व्यक्ति मल-मूत्र त्याग भी कर देता है।

आंखों से प्राण का निकलना – गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों का जीवन मोह-माया से घिरा होता है, जिनकी मृत्यु के समय जीने की अत्यधिक इच्छा होती है, उनके प्राण आँखों से निकलते हैं। यमराज के दूत उनकी आँखें उलटी कर प्राण हर लेते हैं।

मुख से प्राण निकलना – जो व्यक्ति सदा धर्म के रास्ते पर चलता है, उसके प्राण मुख से बाहर निकलते हैं। ऐसी आत्माएं स्वर्ग को प्राप्त करती हैं, क्योंकि उनका जीवन धर्म, सत्य और भलाई से भरा हुआ होता है।

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