Property Rights: प्रॉपर्टी से जुड़े मामले हमेशा से चर्चा का विषय रहे हैं और इसको लेकर कई केस कोर्ट में भी चलते रहते हैं। संपत्ति को लेकर परिवारों मे अक्सर विवाद होते हैं। संपत्ति ज्यादातर अचल संपत्ति यानी जमीन से जुड़ी होती है, और इसके नियम इसके स्वामित्व और संपत्ति के प्रकार पर निर्भर करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, पैतृक संपत्ति (ancestral property) पर बच्चों का अधिकार होता है, लेकिन अगर संपत्ति माता-पिता ने खुद अर्जित की है तो वे इसे अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकते हैं। इससे जुड़े भ्रम और सवाल लोगों के मन में अक्सर उठते हैं।
पति की संपत्ति में पत्नी का अधिकार: Wife Property Rights
सुरक्षा अधिनियम (Wife Security Act) के तहत महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं। शादी के बाद महिला को अपने पति के साथ घर में रहने का पूरा कानूनी अधिकार होता है। इसके अलावा हिंसा से सुरक्षा, रखरखाव और मानसिक शांति के अधिकार भी महिला को मिले हुए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या पत्नी को पति की प्रॉपर्टी में कानूनी अधिकार मिलता है?
अगर पति के नाम पर कोई संपत्ति है, तो उस पर केवल पति का अधिकार होता है। वह उसे बेच सकता है, दान कर सकता है या किसी और को दे सकता है। पत्नी को इस संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार तब तक नहीं मिलता, जब तक कि पति उसकी वसीयत न कर दे या उसकी मृत्यु न हो जाए।
सास-ससुर की प्रॉपर्टी पर बहू का अधिकार (Daughter in law property rights)
सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का अधिकार नहीं होता, चाहे वे जीवित हों या उनकी मृत्यु हो चुकी हो। ससुराल की संपत्ति का कानूनी स्वामित्व सिर्फ बेटे का होता है। हां, यदि पति की मृत्यु हो जाती है और सास-ससुर के बाद कोई वसीयत न हो, तो यह संपत्ति बहू के पास जा सकती है।
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यदि सास-ससुर संपत्ति को किसी और के नाम पर करना चाहते हैं, तो उनकी मर्जी चलती है। बहू का इस पर कोई दावा नहीं होता। हालांकि सरकार ने महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रजिस्ट्री आदि में छूट देने जैसे कदम उठाए हैं।
पति की मृत्यु के बाद प्रॉपर्टी पर अधिकार (property rights)
पति की मृत्यु के बाद, अगर कोई वसीयत नहीं बनाई गई है, तो पति की संपत्ति कानूनी रूप से पत्नी के नाम हो सकती है। पति की अनुपस्थिति में यह संपत्ति विधवा और मां में विभाजित हो सकती है। इसलिए, नियम के अनुसार, पत्नी का अधिकार केवल पति की मृत्यु के बाद संपत्ति पर होता है।