Noida Film City: बॉलीवुड के मशहूर निर्माता बोनी कपूर ने यमुना एक्सप्रेसवे पर बनने वाली इंटरनेशनल फिल्म सिटी के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप देकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को सौंप दिया है। यह फिल्म सिटी भारतीय फिल्म उद्योग को एक नई दिशा देने की कोशिश का हिस्सा है। बोनी कपूर का कहना है कि योजना को मंजूरी मिलते ही इस भव्य परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
Noida Film City का निर्माण शुरू कब शुरू होगा
फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने बताया कि निर्माण कार्य जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगा। पहले चरण को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। इस दौरान फिल्म स्टूडियो और फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी। पूरी फिल्म सिटी को बनाने में लगभग आठ साल लगेंगे।

सितारों के लिए खास इंतजाम
Noida Film City में फिल्म शूटिंग के लिए खास सुविधाएं होंगी। बोनी कपूर ने बताया कि नोएडा फिल्म सिटी में 10 से 12 शानदार विला बनाए जाएंगे, जो सितारों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए जाएंगे। विला में निजी स्विमिंग पूल और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। बेहतर तकनीकी उपकरणों की मदद से इसे अन्य फिल्म सिटीज से अलग और मॉडर्न बनाया जाएगा।
नोएडा फिल्म सिटी बनाने में चुनौतियां और समाधान
फिल्म सिटी के निर्माण में कुछ चुनौतियों का जिक्र भी किया. शूटिंग के दौरान उपयोग होने वाले महंगे लेंस और उपकरण (जिनकी कीमत 60-70 लाख रुपये तक हो सकती है) के क्षतिग्रस्त होने की संभावना पर चिंता जताई गई।
हालांकि, इस फिल्म सिटी में इन चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान मौजूद होंगे।
पहले चरण का डिज़ाइन
फिल्म सिटी के पहले चरण में 230 एकड़ जमीन पर इसका विस्तार होगा। इसमें से 155 एकड़ पर फिल्म निर्माण से जुड़ी सुविधाएं होंगी और 75 एकड़ में व्यवसायिक गतिविधियां चलाई जाएंगी। इस पहले चरण की लागत लगभग 1510 करोड़ रुपये होगी।

रामोजी फिल्म सिटी से प्रेरणा
बोनी कपूर ने बताया कि रामोजी फिल्म सिटी के शुरुआती समय में प्रतिस्पर्धा कम थी, लेकिन अब इंटरनेशनल फिल्म सिटी नई और आधुनिक तकनीकों की मदद से उससे भी बेहतर सुविधाएं मिलेगी।
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नए दौर के लिए नई उम्मीद
यह फिल्म सिटी भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक ऐसा मंच बनेगी, जहां न केवल बेहतरीन शूटिंग और निर्माण सुविधाएं होंगी, बल्कि नए फिल्ममेकर्स के लिए सीखने और अपने सपनों को साकार करने का मौका भी मिलेगा।

बोनी कपूर ने उम्मीद जताई है कि यह परियोजना न केवल फिल्म उद्योग के लिए बल्कि भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने का काम करेगी।