हरियाणा ने गौशालाओं में बायो एनर्जी उत्पादन के क्षेत्र में एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, राज्य ने गौवशों के गोबर और जैविक कचरे से बायो गैस और बायो एनर्जी उत्पादन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत, विभिन्न गौशालाओं में बायो गैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो कि गोबर, गोमूत्र और अन्य जैविक कचरे का उपयोग करके बायो गैस का उत्पादन करते हैं। इसके अतिरिक्त, बायो गैस से उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग ऊर्जा के रूप में किया जा सकता है, जो गौशालाओं के विद्युत और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
इस पहल से न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह ऊर्जा की वैकल्पिक और सस्ती स्रोत के रूप में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, इसका किसानो को आर्थिक रूप से लाभ होता है, क्योंकि वे अपने कचरे को आर्थिक रूप में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं।
इस कदम का उद्देश्य हरियाणा को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से और अधिक स्थिर और आत्मनिर्भर बनाना है, साथ ही यह राज्य के लिए एक नई ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली भी विकसित करना है।
Check this out- हरियाणा के गांवों में AI और रोबोटिक्स: कैसे स्मार्ट खेती बदल रही है किसानों की जिंदगी?