PM Awas Yojana Gramin: बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) के तहत बेघर और कमजोर परिवारों को पक्का मकान देने के लिए नए सर्वे की शुरुआत कर दी है। यह सर्वे 10 जनवरी से पूरे राज्य में घर-घर जाकर किया जा रहा है। ग्रामीण विकास विभाग की देखरेख में पंचायत स्तर पर कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा यह सर्वेक्षण 31 मार्च तक पूरा किया जाएगा। इसका मकसद है उन परिवारों की पहचान करना, जिनके पास पक्का मकान नहीं है या जो बेघर हैं।
Bihar मे PM Awas Yojana-Gramin का सर्वे शुरू
इस बार का सर्वे 6 साल बाद हो रहा है। पिछली बार 2018-19 में किए गए सर्वे में चयनित 11 लाख लाभार्थियों में से कई को अब तक घर नहीं मिल पाया है। इस साल 2.40 लाख परिवारों के लिए घर बनाने की मंजूरी दी गई है। नए सर्वे का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद और योग्य परिवारों की पहचान कर उन्हें योजना का लाभ दिलाना है।
सर्वे के दौरान यह देखा जाएगा कि किन परिवारों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है, वे झोपड़ी या अस्थायी आवास में रहते हैं या पूरी तरह बेघर हैं। पंचायत सेवक, असिस्टेंट स्तर के कर्मी, और पंचायत सचिव घर-घर जाकर इस प्रक्रिया को अंजाम देंगे।
पीएम आवास योजना (PM Awas) के लिए शर्तें और मानदंड
योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थियों को कुछ खास शर्तें पूरी करनी होंगी:
मासिक आय: लाभार्थी परिवार की मासिक आय 15,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
वाहन स्वामित्व: परिवार के पास दोपहिया या चारपहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
संपत्ति: लाभार्थियों के पास जमीन या अन्य संपत्ति नहीं होनी चाहिए।
आजीविका: दिहाड़ी मजदूर, भीख मांगने वाले या आर्थिक रूप से कमजोर परिवार प्राथमिकता में रहेंगे।
PM Awas Yojana Bihar: नए मानदंड जोड़े गए
सरकार ने योजना के लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए नए नियम भी लागू किए हैं:
जिन परिवारों के पास चौपहिया वाहन या 50,000 रुपये से अधिक का किसान क्रेडिट कार्ड है, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
जिन परिवारों का कोई सदस्य आयकर या व्यावसायिक कर का भुगतान करता है, उन्हें योजना से बाहर रखा जाएगा।
अगर परिवार का कोई सदस्य 15,000 रुपये से अधिक की मासिक आय अर्जित करता है, तो वह भी अयोग्य माना जाएगा।
योजना से क्या मिलेगा लाभ?
हर लाभार्थी को घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये दिए जाएंगे।
मनरेगा के तहत श्रम लागत का लाभ भी मिलेगा।
जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें राज्य सरकार अलग से 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।