Bank Strike on 24-25 March: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल बैंकिंग सेक्टर में सुधार और कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर की जा रही है। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य बैंक कर्मचारियों की भर्तियों में वृद्धि, अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना और बैंकिंग उद्योग में 5 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस नौ प्रमुख बैंक यूनियनों – एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ का संयुक्त संगठन है। इस हड़ताल में लाखों बैंक कर्मचारी शामिल होंगे, जिससे देशभर में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है।
यूनियनों की प्रमुख मांगें
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- सभी संवर्गों में पर्याप्त संख्या में नई भर्तियां की जाएं।
- अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- बैंकिंग सेक्टर में 5 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू किया जाए।
- कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- प्रदर्शन समीक्षा और PLI (परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव) पर DFS के निर्देश वापस लिए जाएं।
- बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल का प्रावधान किया जाए।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारी एवं अधिकारी निदेशकों के पद भरे जाएं।
- भारतीय बैंक संघ (IBA) के पास लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान किया जाए।
- ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये की जाए और इसे कर-मुक्त किया जाए।
- कर्मचारियों को दी जाने वाली रियायतों पर अनुचित कर नहीं लगाया जाए।
- राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आईडीबीआई बैंक में सरकार की 51% हिस्सेदारी बनाए रखी जाए।
यूनियनों का विरोध किसके खिलाफ?
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस का कहना है कि वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) द्वारा नीतिगत मामलों में अत्यधिक हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं। यूनियन का मानना है कि यह हस्तक्षेप कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा शर्तों को प्रभावित करता है और द्विपक्षीयता को कमजोर करता है।
साथ ही, बैंक यूनियन बैंकों में स्थायी नौकरियों को आउटसोर्स करने और बैंकिंग सेक्टर में गलत श्रम नीतियों के खिलाफ भी विरोध कर रही है। यूनियन ने कहा कि इस हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर व्यापक असर पड़ेगा। ऐसे में ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने जरूरी बैंकिंग कार्य पहले ही निपटा लें ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।