भारत में शादी मतलब धूमधाम, बैंड-बाजा, बारात और ढेर सारे रीति-रिवाज… लेकिन क्या आप जानते हैं, सिर्फ फेरे लेना या सात वचन लेना ही काफी नहीं है? असली ‘पक्का’ होना तब होता है… जब आपके पास होता है मैरिज सर्टिफिकेट।
जी हाँ… ये छोटा सा कागज़ आपको विदेश में भी पति-पत्नी बनाता है… और कोर्ट में भी आपके हक की रक्षा करता है। लेकिन कैसे? चलिए आज की वीडियो में जानते हैं, शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी?
मैरिज सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है?
“सबसे पहले, दोस्तों… आमतौर पर लोग सोचते हैं कि सिर्फ कोर्ट मैरिज में ही रजिस्ट्रेशन होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। चाहे शादी मंदिर में हो, गुरुद्वारे में या घर में – हर किसी के लिए शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।”
“2006 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे सभी धर्मों के लिए अनिवार्य कर दिया… ताकि खासकर महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रह सकें।”
किन-किन जगह काम आता है मैरिज सर्टिफिकेट?
“अब सोच रहे होंगे… क्या काम आता है ये सर्टिफिकेट? सुनिए…”
✅ विदेश घूमने जाना हो या पति-पत्नी वीज़ा चाहिए हो।
✅ प्रॉपर्टी खरीदनी हो या लोन लेना हो।
✅ अगर शादी के बाद नाम बदलना हो या पासपोर्ट बनवाना हो।
✅ या फिर… भगवान न करे… पति-पत्नी में विवाद हो, तब कोर्ट में ये आपका सबसे बड़ा सबूत बनता है।
रजिस्ट्रेशन कैसे करवाएं?
अब जानते हैं… रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
👉 Step 1: अपने इलाके के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) ऑफिस जाएं।
👉 Step 2: फॉर्म भरें, पति-पत्नी दोनों साइन करें।
👉 Step 3: डॉक्यूमेंट्स दें – उम्र, पता, फोटो, शादी का कार्ड और गवाह।
👉 Step 4: अपॉइंटमेंट मिलेगा – हिंदू मैरिज में 15 दिन में, Special Marriage में करीब 60 दिन लग सकते हैं।
“और हां… आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं, बड़ा ही आसान है!”
जरूरी दस्तावेज क्या लगेंगे?
दोस्तों, डॉक्यूमेंट्स याद कर लीजिए…
📄 शादी का कार्ड
📄 आधार या एड्रेस प्रूफ
📄 उम्र का प्रमाण
📄 पासपोर्ट साइज फोटो
📄 गवाहों के पैन और एड्रेस प्रूफ
और अगर तलाक या किसी की डेथ हुई हो… तो उसके कागज़ भी लगेंगे।
शादी सिर्फ मंडप में नहीं होती, शादी सरकारी कागज़ों में दर्ज हो तभी पूरी होती है। तो अगर आपकी शादी हो चुकी है… या होने वाली है… रजिस्ट्रेशन ज़रूर करवाइए, ताकि आपका रिश्ता सिर्फ दिल से ही नहीं, कानून से भी जुड़ा रहे।