Ayodhya: अयोध्या में शादी की खुशियां चंद घंटों में मातम में बदल गईं। 7 मार्च की रात प्रदीप अपनी बारात लेकर दुल्हन शिवानी को लेने गया था। शादी धूमधाम से हुई, विदाई की रस्में निभाई गईं और 8 मार्च दोपहर को प्रदीप अपनी नवविवाहिता को लेकर घर लौट आया। घर में खुशी का माहौल था। शाम को पूजा हुई, मोहल्ले की औरतें गीत गा रही थीं, और रात 11 बजे तक जश्न चलता रहा।
अगले दिन 9 मार्च की शाम को रिसेप्शन था, इसलिए पूरी रात घर में तैयारी की बातें होती रहीं। करीब 12:30 बजे, प्रदीप पहली बार अपनी दुल्हन के साथ कमरे में गया और दरवाजा बंद कर लिया। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह दरवाजा कभी फिर से खुशी के साथ नहीं खुलेगा।
दरवाजा नहीं खुला, सन्न कर देने वाला नज़ारा
सुबह जब प्रदीप के भाई और परिवार के लोग रिसेप्शन की तैयारियों में जुट गए, तो किसी को लगा ही नहीं कि दूल्हा-दुल्हन अभी तक बाहर क्यों नहीं आए। सुबह 7 बजे, जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिवार वालों ने पहले हल्की आवाज़ दी, फिर जोर से दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
आखिरकार, दरवाजा तोड़ा गया, और जो नज़ारा सामने आया, उसने सबके होश उड़ा दिए। शिवानी बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी, और ठीक ऊपर पंखे से लटकती प्रदीप की लाश झूल रही थी।
खुश थे दोनों, फिर ऐसा क्या हुआ?
पुलिस जब इस मामले की जांच में जुटी, तो एक सवाल सबसे बड़ा था – आखिर रात भर में ऐसा क्या हुआ कि शादी के 24 घंटे के अंदर दोनों की मौत हो गई?
परिवार वालों का कहना था कि प्रदीप और शिवानी शादी से बेहद खुश थे। शादी के दौरान ली गई तस्वीरों में दोनों की मुस्कान दिख रही थी। प्रदीप शादी में नाचता भी दिखा था। दोनों परिवारों को इस रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं था, फिर ऐसा क्या हुआ कि नई-नवेली दुल्हन की सांसें थम गईं और दूल्हे ने खुद को फंदे से लटका लिया?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज़
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, शिवानी की मौत गला घोंटने से हुई थी, जबकि प्रदीप की मौत हैंगिंग (फांसी) की वजह से। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, इसलिए पुलिस ने शुरुआती जांच में अंदाजा लगाया कि प्रदीप ने पहले शिवानी का गला घोंटकर कत्ल किया और फिर खुदकुशी कर ली।
लेकिन अब नए सवाल खड़े हो गए-क्या यह दोनों की आपसी सहमति से लिया गया कोई बड़ा फैसला था? या फिर यह केवल एक मर्डर था, जहां प्रदीप ने शिवानी को मारकर खुद की जान ले ली?
डबल मर्डर का एंगल भी शक के घेरे में
घरवालों का कहना था कि प्रदीप और शिवानी में कोई अनबन नहीं थी। ऐसे में क्या यह कोई बाहरी साजिश थी?
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अगर किसी बाहरी शख्स ने दोनों की हत्या की होती, तो वह कमरे के अंदर कैसे आया और फिर बाहर कैसे निकला? पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर गई थी, जिससे यह संभावना कम लग रही थी कि कोई तीसरा व्यक्ति अंदर था। लेकिन क्या यह भी हो सकता है कि कातिल ने हत्या करके दरवाजा फिर से बंद कर दिया हो?
जांच में जुटी पुलिस
अब पुलिस हर एंगल से इस केस की जांच कर रही है। प्रदीप और शिवानी के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल्स, चैट्स और पिछले कुछ दिनों की बातचीत खंगाली जा रही है। परिवार और दोस्तों से पूछताछ जारी है।