Farming Tips : अब कम पैसो से होगा खेती में ज्यादा मुनाफा, बस अपनाएँ ये तरीका

Farming Tips : अब आप भी कम पैसों में खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं बस आपको इसके लिए एक सही तरीके का पता होना चाहिए आज की यह खबर आपके लिए बेहद ही खास होने वाली है आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आप कम पैसों में कैसे खेती करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं नीचे पढिए पूरी डिटेल

Farming Tips : आजकल किसान पेड़ों की Farming की ओर अधिक रुझान दिखाने लगे हैं। यह फ़ार्मिंग करके किसान अच्छा खासा Benefit कमा रहे हैं। फसलों के बजाय पेड़ों की फ़ार्मिंग में कम लागत व श्रम लगता है। हालांकि कुछ Tree ऐसे हैं जो तैयार होने में लंबा समय लेते हैं, लेकिन उनकी लकड़ी काफी महंगी होने के कारण वे फसलों के बजाय अधिक Benefit देते हैं। पेड़ों की फ़ार्मिंग का फायदा यह भी है कि किसान खेत में खाली जमीन पर अन्य फसलें उगा सकते हैं, चूंकि पेड़ों की फ़ार्मिंग पेड़ों में फासला रखकर की जाती है।

इन चीजों में होता है उपयोग ( Farming Tips)

नीलगिरी या सफेदा और यूकेलिप्टस, ये एक ही Tree के नाम हैं। भारत में इसे अधिकतर सफेदे के नाम से ही जाना जाता है। इस Tree से अच्छी गुणवत्ता वाली इमारती लकड़ी प्राप्त होती है। यह जहाज व सस्ता फर्नीचर बनाने में उपयोग होती है। इसका तना व पत्तियां भी उपयोगी हैं। पत्तियों से तेल निकाला जाता है जो गले, नाक तथा पेट की बीमारियों में उपयोगी होता है। इस Tree के तने से गोंद भी प्राप्त होता है। पेड़ों की छाल कागज बनाने और चमड़ा बनाने में यूज होती है। इस तरह से यह बहुत ही उपयोगी Tree है, जिस कारण इसकी मार्केट में हमेशा डिमांड रहती है और लकड़ी भी अच्छे रेट पर मिल जाती है।

यूकेलिप्टस की ये किस्में हैं खास ( Farming Tips)

अच्छे जल निकास वाली भूमि सफेदे की फ़ार्मिंग के लिए अच्छी मानी जाती है। इस पौधे का विकास बीजों और कलम दोनों से ही किया जा सकता है। यूकेलिप्टस के पौधे जमीन में ही रोपे जाते हैं। इनकी ऊंचाई करीब 80 मीटर तक होती है। इस कारण इससे लकड़ी भी ज्यादा मिलती है। सूर्य की रोशनी और हवा के लिए खुली जगह में इसकी ग्रोथ अच्छी होती है। इसे पानी की सही मात्रा में जरूरत होती है। भारत में वैसे तो सफेदे की कई प्रजातियां हैं, लेकिन मुख्य रूप से नीलगिरी की 6 किस्में बेहतर हैं। इनमें नीलगिरी ऑब्लिव्का, नीलगिरी डेलीगेटेंसिस, नीलगिरी डायवर्सीकलर, नीलगिरी निटेंस, नीलगिरी ग्लोब्युल्स और नीलगिरी विमिनैलिस शामिल हैं।

कम रखरखाव व संभाल की जरूरत ( Farming Tips)

यूकेलिप्टस की फ़ार्मिंग लगभग हर तरह की जलवायु वाले इलाकों में की जा सकती है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में भी इसकी फ़ार्मिंग की जा सकती है। ठंडे व गर्म Mausam का भी इस Tree पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। इसके अलावा नीलगिरी पेड़ों की फ़ार्मिंग में कम संभाल व देखरेख की जरूरत होती है। इसमें अधिक श्रम की आवश्यकता नहीं होती।

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12 माह बाद नर्सरी से खेत में लगाएं पौधे ( Farming Tips)

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार नीलगिरी या सफेदे के पौधे को नर्सरी में तैयार किया जाता है। एक साल बाद इसे नर्सरी से खेत में लगाया जा सकता है। नर्सरी में सफेदे की पौध तैयार करने के लिए गोबर खाद मिली मिट्टी की जरूरत होती है। इस मिट्‌टी को पॉलीथीन में भरकर इसमें बीज रोपे जाते हें। इसके बाद सफेदे की पौध 12 महीने में रोपाई के लिए बिल्कुल अच्छी तरह से तैयार हो जाती हैं। कई लोग छह माह बाद खेत में लगा देते हैं, इससे पौधे की ग्रोथ सही से नहीं होती है।

कम लागत में कमाएं अधिक Benefit ( Farming Tips)

नीलगिरी की फ़ार्मिंग कम लागत में अधिक Benefit देती है। एक हेक्टेयर में सफेदे के करीब 3 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। किसी भी नर्सरी से आप पौधे 10 रुपए से भी कम में मिल जाते हैं। एक हेक्टेयर के लिए 20-21 हजार रुपए में पौधे ले सकते हैं। सभी खर्चों को जोड़कर 25 हजार रुपए का तक का खर्च एक हेक्टेयर की फ़ार्मिंग में आता है। 5 साल बाद ये Tree लकड़ी देने लगेंगे। हर Tree से 400 किलोग्राम लकड़ी किसान ले सकते हैं। मार्केट में 6 रुपये प्रति किलो भाव मिलने पर एक हेक्टेयर के 3 हजार पेड़ों से 72 लाख रुपये की लकड़ी किसान बेच सकते हैं। लागत निकालकर एक हेक्टेयर से किसान 5 साल में 60 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं। अगर यह फ़ार्मिंग 2 हेक्टेयर में की जाए तो करीब सवा करोड़ रुपये आप कमा सकते हैं।

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