Falgun Month 2025: फाल्गुन माह आज 13 फरवरी से शुरू हो चुका है। इस साल का फाल्गुन माह बहुत ही खास है, क्योंकि इसमे महाशिवरात्रि, होली और फाल्गुनी पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहारों का संगम देखने को मिलने वाला हैं, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। शास्त्रों में फाल्गुन के महीने को मोक्षदाता और पापनाशक माना गया है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
Falgun Month 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन का महिना वर्ष का अंतिम महीना होता है, फाल्गुन के महीने को आध्यात्मिक साधना, भक्ति और उत्सवों का महिना कहा जाता है। फाल्गुन के महीने भगवान शिव शक्ति के मिलन दिन (महाशिवरात्रि) आती है, इसके साथ ही हरी विष्णु के अवतारों और इंद्र, चन्द्र देवों की पूजा के लिये सबसे अच्छा माना गया है।
इस दौरान महाशिवरात्रि, होली और फाल्गुनी पूर्णिमा जैसे प्रमुख पर्व आते हैं, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस मास को मोक्षदायी और पुण्यदायक माना गया है, जिससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, 13 फरवरी से फाल्गुन माह का आरंभ हो जाएगा और इसका समापन 14 मार्च को धुलंडी के दिन होगा।
भगवान शिव की आराधना और महाशिवरात्रि
फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। शिवपुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन व्रत, रात्रि जागरण और जलाभिषेक करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि इस माह में शिवलिंग की उपासना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रीकृष्ण और राधा की लीला
फाल्गुन मास को भगवान श्रीकृष्ण और राधा की लीलाओं का महीना भी कहा जाता है। वृंदावन, बरसाना और मथुरा में इस माह में विशेष रूप से होली उत्सव मनाया जाता है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। भागवत पुराण में इस मास को कृष्ण भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस माह में रासलीला, भजन-कीर्तन और कृष्ण भक्ति से जीवन में सुख-शांति आती है।
होली का आध्यात्मिक महत्व
इस मास में होली का पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली का संबंध भक्त प्रहलाद और होलिका की कथा से है, जिसमें सत्य और भक्ति की विजय होती है। शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन अग्नि में अर्पण करने से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होती हैं और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
फाल्गुनी पूर्णिमा
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और व्रत से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पुराणों के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं।
फाल्गुन मास के नियम और साधनाएं
व्रत और उपवास – इस माह में महाशिवरात्रि व्रत और पूर्णिमा व्रत करना शुभ माना जाता है। उपवास के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करें और भगवान का ध्यान करें।
सत्संग और भजन-कीर्तन – इस माह में भगवान श्रीकृष्ण और शिवजी के भजन-कीर्तन करने से मन की शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
दान-पुण्य का महत्व – फाल्गुन मास में अन्नदान, वस्त्रदान और जलदान करने से जीवन में सुख-शांति आती है। मान्यता के अनुसार, इस माह में जरूरतमंदों को दान करने से पापों का नाश होता है।
होलिका दहन और अग्नि पूजन – होलिका दहन के समय अपनी बुरी आदतों और नकारात्मकता को समाप्त करने का संकल्प लें। अग्नि में नारियल, तिल और गेंहू अर्पित करना शुभ माना जाता है।
पवित्र नदियों में स्नान – इस माह में गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है और सभी पाप नष्ट होते हैं।
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