Mahashivratri 2025 पर इन मंत्रों से कीजिये महादेव को प्रसन्न, मनोकामना हो जाती है पूरी

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 हिंदू संस्कृति का एक अनमोल पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह की याद में मनाया जाता है। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और सभी मनोकामनाओं की सिद्धि का संदेश लेकर आता है। इस अवसर पर व्रत रखने और शिव जी के मंत्रों का जाप करने से न केवल शिव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि दैहिक एवं मानसिक सुख भी मिलता है।

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। 2025 में इस पर्व का आरंभ 26 फरवरी सुबह 11:08 बजे से होता है और यह 27 फरवरी सुबह 8:54 बजे तक जारी रहता है। व्रत पारण का श्रेष्ठ समय 27 फरवरी 2025 को सुबह 6:59 से लेकर 8:54 तक माना गया है, जिससे भक्तों को दिन भर शिवजी की अनुकम्पा प्राप्त होती है।

इस दिव्य दिन पर पूजा-अर्चना के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है:

ॐ पार्वतीपतये नमः
यह मंत्र भगवान शिव को माता पार्वती के पति के रूप में समर्पित है और इससे वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

ॐ नमः शिवाय
इस मंत्र का जाप करते ही भक्तों के मन में शिवजी के अनंत रूप की अनुभूति होती है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होने की आशा जागृत होती है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह मंत्र त्रिदेवों में शिव का विशेष महत्व दर्शाता है, जिससे जीवन के बंधनों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि संभव होती है।

ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र के उच्चारण से शिवजी के रुद्र मूर्ति की महिमा प्रकट होती है, जिससे भक्तों में असीम शक्ति और ज्ञान का संचार होता है।

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
यह मंत्र शिवजी की करुणा, सौम्यता और दिव्यता को समर्पित है, जो भक्तों के हृदय में प्रेम, शांति और समृद्धि का संचार करता है।

महाशिवरात्रि का यह पर्व भक्तों के लिए नयी आशा और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं और उपरोक्त मंत्रों का नियमित जाप करते हैं, उन्हें शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा मिलती है।

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