CMS College. उत्तर प्रदेश सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को सुधारने की योजना बना रही है। बता दें, ये एक्स्प्रेसवे जल्द ही छह लेन से आठ लेन में बदल जाएगा। एक्सप्रेसवे का पुनर्निर्माण करने मे लगभग 1939 करोड़ रुपये का खर्च होगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे में आठ जिले आते हैं: फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर, हरदोई और उन्नाव।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे विस्तार की योजना यूपीडा की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई है, जो 302 किलोमीटर लंबी है और छह लेन चौड़ी है। कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जहां औद्योगिक विकास विभाग ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। अगले पांच वर्षों में इसकी मरम्मत के लिए 1939 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है।
8 लेन विस्तार करने का मुख्य कारण यात्रियों की सुरक्षा है, इसके लिए ऐसे स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे जहां दुर्घटना का अधिक खतरा है। आपको बता दें कि 29 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया। साथ ही, पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने एक्सप्रेसवे के 65 किलोमीटर मार्ग का निरीक्षण करके एक रिपोर्ट बनाई।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का रूट
फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर, हरदोई और उन्नाव आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में शामिल हैं। इसके बीच 10 जिले और 236 गांव हैं। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलाया जा सकता है। इसमें चार रेल पार ब्रिज, 13 बड़े पुल, 57 छोटे पुल, 74 वाहन पार ब्रिज, 148 पैदल यात्री पार ब्रिज और 9 फ्लाईओवर बनाए गए हैं। आगरा से लखनऊ पहुंचने में लगभग तीन घंटे लगते हैं।
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