Sugar Price Hike: वर्तमान मार्केटिंग सीजन की पहली तिमाही में चीनी उत्पादन एक साल पहले से लगभग 16 फीसदी घटा है। इससे चीनी के भाव बढ्ने की संभावना बढ़ी है। चीनी उत्पादन का पहला अनुमान इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने किया है। अक्टूबर से चीनी मार्केटिंग सीजन शुरू होता है।
शुगर उत्पादन कितना रहा?
चीनी का उत्पादन (Sugar Production) 2024-25 सीजन की पहली तिमाही में 95.40 लाख टन था। एक वर्ष पहले यह 113.01 लाख टन था। इस साल 493 चीनी मिलों में पेराई हुई, जबकि 512 पिछले साल चालू थीं। उत्पादन के आंकड़ों में चीनी का उपयोग नहीं किया गया है।
चीनी उत्पादन की कमी का कारण
ISMA का दावा है कि कुछ राज्यों में एथेनॉल का डायवर्जन बढ़ा है। इससे चीनी उत्पादन में कमी आई है। 2023-24 में एथेनॉल का डायवर्जन 21.50 लाख टन था, जबकि 2024-25 में चीनी का डायवर्जन 40 लाख टन था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी पेराई देर से शुरू हुई। यह भी उत्पादन में गिरावट की एक महत्वपूर्ण वजह है।
Sugar Price: क्या चीनी की कीमतें बढ़ जाएंगी?
चीनी उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि अभी कई मिलों में पेराई चल रही है। चीनी का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन उत्पादन कम होने से चीनी कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं। दिल्ली में चीनी का मौजूदा खुदरा मूल्य 42 रुपये प्रति किलो है, चीनी मंडी ने बताया।
क्या चीनी की आपूर्ति कम हो सकती है?
ISMA के डायरेक्टर दीपक बल्लानी ने कहा कि देश में चीनी की कमी की कोई संभावना नहीं है। उनका दावा था कि चीनी में कोई कमी नहीं है। चीनी उत्पादन अगले वर्ष अच्छा होगा। बल्लानी ने कहा, “महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई देर से शुरू हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में पिछले 15 दिनों में क्राशिंग दर बढ़ी है। इससे चीनी उत्पादन बढ़ेगा।’
10 लाख टन निर्यात अनुमति की मांग
बल्लानी ने यह भी कहा कि चीनी मिलों ने 10 लाख टन के निर्यात की अनुमति सरकार से मांगी है। यदि सरकार इसे अनुमति देती है, तो मिलों को बहुत पैसा मिलेगा। हमने भी सरकार से चीनी मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने की मांग की है। सरकार भी एथेनॉल की कीमत बढ़ा सकती है।
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