नागपुर (महाराष्ट्र): नागपुर में चलन से बाहर हो चुके ₹2000 के नोटों को एक्सचेंज (2000 Rupee note) करवाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सामने मूंगफली बेचने वाला नंदलाल मौर्य निकला। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर ₹2 लाख की नकदी बरामद की है।
गिरोह का मास्टरमाइंड और काम करने का तरीका
नंदलाल मौर्य, जो आरबीआई (RBI) के सामने मूंगफली बेचने का काम करता था, इस गिरोह का मुख्य संचालक था। उसके साथ किशोर बहोरिया, रोहित बावने, और अनिल जैन जैसे सहयोगी भी शामिल थे।
कैसे कार्य करता था गिरोह
नंदलाल मौर्य अपने साथियों की मदद से आरबीआई के काउंटर पर जाकर बंद ₹2000 के नोटों (2000 rupee note) को छोटे मूल्य के ₹500 और ₹200 के नोटों में बदलता था। इस सेवा के बदले वह प्रति नोट ₹200 से ₹1000 तक का कमीशन वसूलता था।
पुलिस की कार्रवाई और खुलासा
सदर पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर जाल बिछाया और इस गिरोह को धर दबोचा। पुलिस के अनुसार, आरोपी न केवल पुराने ₹2000 के नोटों को एक्सचेंज करने में सक्रिय थे बल्कि नए नोटों की अवैध खरीद-फरोख्त भी करते थे।
नए नोटों का अवैध कारोबार
आरोपी अनिल जैन, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर का निवासी है, ने ₹10,000 के नए नोटों को ₹11,000 तक में बेचने की भी बात स्वीकार की। उत्तर भारत में शादियों और अन्य समारोहों में नए और चमचमाते नोटों का चलन काफी लोकप्रिय है। यह गिरोह इसी डिमांड का फायदा उठाकर मोटा मुनाफा कमाने में लगा हुआ था।
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डीसीपी का बयान
नागपुर के डीसीपी राहुल मदने ने बताया, “हम मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि गिरोह ने अब तक कितने नोट एक्सचेंज किए और इसमें और कौन-कौन शामिल हैं। मामले की गहनता से पड़ताल जारी है।”
₹2000 का नोट चलन से हुआ बाहर (2000 Rupee Note)
₹2000 का नोट 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद जारी किया गया था।
19 मई 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने ₹2000 के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की।
अंतिम तारीख: नोट एक्सचेंज कराने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2023 थी।