Fraud: बेंगलुरु में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक निजी कंपनी के खाते से जुड़े संवेदनशील डेटा की चोरी (Cyber Fraud) कर 12.51 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें गुजरात में स्थित एक्सिस बैंक (Axis Bank) का एक प्रबंधक भी शामिल है।
कैसे हुआ मामला उजागर?
यह मामला तब प्रकाश में आया जब ड्रीम प्लग पे टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (सीआरईडी) के निदेशक ने नवंबर में बेंगलुरु पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी के एक्सिस बैंक के खातों (Axis Bank) से अनधिकृत तरीके से 12.51 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई। कंपनी के खाते, जो एक्सिस बैंक की इंदिरानगर शाखा में थे, इनसे जुड़ी ईमेल आईडी और फोन नंबर पर भी साइबर अपराधियों ने नियंत्रण हासिल कर लिया था।
जांच में क्या पता चला?
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि अपराधियों ने कंपनी के डेटा का इस्तेमाल करके जाली कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग (CIB) फॉर्म तैयार किए। साथ ही, फर्जी हस्ताक्षर और नकली मुहरों का उपयोग कर, उन्होंने इन खातों से 12.51 करोड़ रुपये अलग-अलग 17 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। ये खाते गुजरात और राजस्थान में स्थित थे।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने बताया कि बेंगलुरु पूर्व सीईएन पुलिस की टीम ने इस मामले की गहनता से जांच की। इसके तहत उन्होंने गुजरात में एक्सिस बैंक के प्रबंधक (Axis Bank Manager) समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया।
अब तक की रिकवरी
ट्रांसफर किए गए 12.51 करोड़ रुपये में से 55 लाख रुपये पुलिस ने ‘फ्रीज’ कर दिए हैं।
आरोपियों के पास से 1.28 करोड़ रुपये और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
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आगे की जांच
पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं। उनकी पहचान की जा रही है, और जांच जारी है।
यह मामला न केवल साइबर सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे डेटा चोरी बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में बदल सकती है।