Earthquake: 4.8 तीव्रता के तेज भूकंप से काँपा उत्तराखंड

Earthquake near me: शनिवार तड़के उत्तराखंड के सीमांत जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे धरती हिल गई। सुबह करीब 4 बजे यह तगड़ा झटका आया, जिससे लोग घबराकर कड़ाके की ठंड में अपने घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर भागे। लगभग 15 सेकंड बाद भूकंप शांत हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र नेपाल में था और इसकी तीव्रता 4.8 रिक्टर मापी गई। इस भूकंप से जिले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन चंपावत समेत अन्य जिलों में भी झटके महसूस किए गए।

Earthquake: क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, वह स्थान “फॉल्ट लाइन” कहलाता है। इन प्लेट्स के टकराने से दबाव बढ़ता है और जब ज्यादा दबाव बनता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। इस दौरान जो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है, वह भूकंप के रूप में महसूस होती है।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब? (Earthquake near me)
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है, जहां पृथ्वी की प्लेट्स में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप के झटके (earthquake today) सबसे ज्यादा होते हैं और जैसे-जैसे हम केंद्र से दूर जाते हैं, कंपन की तीव्रता कम होती जाती है। हालांकि, यदि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे ज्यादा हो, तो इसका असर 40 किमी तक के क्षेत्र में होता है, लेकिन यह उस बात पर भी निर्भर करता है कि कंपन किस दिशा में फैलता है। अगर कंपन ऊपर की ओर है तो असर सीमित क्षेत्र तक होगा।

भूकंप की तीव्रता मापने का तरीका
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल से मापा जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है। यह स्केल 1 से 9 तक मापी जाती है, जहां भूकंप की तीव्रता जितनी ज्यादा होगी, उसका प्रभाव उतना ही बड़ा होगा। भूकंप के दौरान निकलने वाली ऊर्जा का माप इस स्केल के जरिए किया जाता है, और यही ऊर्जा भूकंप के झटके की भयावहता को तय करती है।

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