8th pay commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। इससे पहले, नरेंद्र मोदी सरकार ने जनवरी 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू किया था, जिसकी सिफारिशें 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएंगी। गौरतलब है कि 4वें, 5वें और 6वें वेतन आयोगों का कार्यकाल 10 साल का था, इसलिए 8वें वेतन आयोग का लागू होना तय माना जा रहा है।
8वें वेतन आयोग से कितना बढ़ेगा वेतन? (8th Pay Commission)
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.86 रखा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकती है।
पेंशनभोगियों को भी इस आयोग का लाभ मिलेगा। फिलहाल, न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 25,740 रुपये किए जाने का अनुमान है। इससे लाखों सेवानिवृत्त सरकारी कर्मियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
7वें वेतन आयोग में कितना बढ़ा था वेतन?
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी हुई थी। फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना तय किया गया, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 18,000 रुपये हुई।
अगर 8वें वेतन आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर का यही फॉर्मूला लागू होता है, तो न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.86 के आसपास रखने से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन बढ़ाने का एक फॉर्मूला है। यह मूल वेतन में सीधे वृद्धि करता है, लेकिन इसमें भत्तों को शामिल नहीं किया जाता। फिटमेंट फैक्टर जितना अधिक होता है, सैलरी में उतनी ही बड़ी बढ़ोतरी होती है।
पिछले वेतन आयोगों में वेतन वृद्धि का इतिहास
4th Pay Commission (1986): इस आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि 27.6% थी। न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति माह तय किया गया।
5th Pay Commission (1996): इस बार वेतन में 31% की भारी वृद्धि की गई। न्यूनतम वेतन बढ़कर 2,550 रुपये प्रति माह हो गया।
6th Pay Commission (2006): फिटमेंट फैक्टर पहली बार लागू किया गया और इसे 1.86 गुना रखा गया। इससे कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 54% की बढ़ोतरी हुई। न्यूनतम वेतन बढ़कर 7,000 रुपये प्रति माह हो गया।
7th Pay Commission (2016): फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना रखा गया। हालांकि, वेतन में केवल 14.29% की वृद्धि हुई। न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये प्रति माह हो गई।
8वें वेतन आयोग की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। फिटमेंट फैक्टर को 2.86 या उससे अधिक रखने की संभावना है। न्यूनतम सैलरी 51,480 रुपये तक बढ़ सकती है। पेंशनभोगियों को भी न्यूनतम पेंशन 25,740 रुपये मिलने का लाभ होगा।
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