7th Pay Commission: आज हम एक ऐसे मुद्दे पर बात करने जा रहे हैं, जो सीधे केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स से जुड़ा हुआ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं महंगाई भत्ता यानी DA और महंगाई राहत यानी DR के 50 फीसदी के आंकड़े को पार करने के बाद इसके मूल वेतन या पेंशन में मर्ज होने को लेकर।
तो सबसे पहले आपको बता दें कि DA और DR केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई की मार से बचाने के लिए दिया जाता है। इसका मकसद जीवन-यापन की लागत में आए बदलाव को कवर करना होता है, ताकि वेतन या पेंशन का वास्तविक मूल्य गिर न जाए।
अब सवाल ये था कि जब DA/DR 50 फीसदी पार कर चुका है, तो क्या इसे बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा?
दरअसल, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक, जब DA 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए तो इसे बेसिक सैलरी में जोड़ देना चाहिए। इससे कर्मचारियों के वेतनमान के साथ-साथ कई भत्तों में भी इजाफा हो जाता है।
इसी को लेकर राज्यसभा में सवाल पूछा गया। सदस्य जावेद अली खान ने सरकार से पूछा कि क्या आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से पहले DA/DR को मूल वेतन या पेंशन में मर्ज किया जाएगा?
इस सवाल का जवाब दिया वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने… और उन्होंने साफ कर दिया कि DA/DR का बेसिक में मर्ज होने का कोई प्लान नहीं है।
दोस्तों, फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 53 प्रतिशत DA/DR मिल रहा है और 1 जनवरी 2025 से इसमें दो से तीन फीसदी और बढ़ोतरी की उम्मीद है। यानी DA/DR का आंकड़ा 55 या 56 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि अगर सरकार DA को बेसिक में मर्ज नहीं करती, तो कर्मचारियों को 1 से 1.5 प्रतिशत तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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साफ शब्दों में कहें तो अगर DA मर्ज हो जाता तो 18,000 रुपये बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी को हर महीने करीब 270 रुपये का फायदा हो सकता था।
AIDEF महासचिव और JCM के सदस्य श्रीकुमार भी कहते हैं कि जब DA 50 फीसदी पार करता है, तो उसे बेसिक में जोड़ने का नियम होता है। मगर सरकार इस पर अंतिम फैसला सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से ही लेती है।
तो दोस्तों, अभी के लिए सरकार ने DA/DR को बेसिक में मर्ज करने से इनकार कर दिया है। लेकिन आगे क्या फैसला होगा, ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि इससे सैलरी और बाकी भत्तों पर सीधा असर पड़ता है।